रामेश्वरम मंदिर (Rameshwaram Mandir In Hindi)

नमस्कार दोस्तो स्वागत है आप सभी का मेरे ब्लॉग Mandir Diary में जिसमें मैं आज आपको रामेश्वरम मंदिर (Rameshwaram Mandir In Hindi) के बारे में बताऊंगा। यह मंदिर दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य में रामनाथपुरम नामक स्थान पर स्थित है। रामनाथपुरम हिन्द महासागर और बंगाल की खाड़ी के मध्य में बसा हुआ एक प्रसिद्ध द्वीप है। रामेश्वरम एक ज्योतिर्लिंग होने के साथ हिंदुओं के सबसे पवित्र चार धामों में से एक धाम भी है।

रामेश्वरम मंदिर का धार्मिक महत्व  

रामेश्वरम मंदिर के बारे में धार्मिक ग्रन्थों में बताया गया है कि जब भगवान श्री राम रावण का वध कर लंका पर विजय प्राप्त कर वापस अयोध्या आ रहे थे। तब उन्होने समुद्र के इस पार गंध मादन पर्वत पर रुक कर विश्राम किया। उनके साथ सीता माता और अन्य सभी लोग भी थे। भगवान श्री राम के आगमन का समाचार सुन कर बड़े-बड़े ऋषी मुनि उनके दर्शन करने के लिए वहाँ पहुँच गये। ऋषियों ने उनसे कहा कि उन्होने पुलस्त्य कुल का विनाश किया है। जिस कारण उन्हे ब्रह्म हत्या का पाप लग गया है। तब भगवान श्री राम ने ऋषि-मुनियों से आग्रह किया कि क्रपा करके मुझे इस पाप से मुक्त होने का उपाय बताएं। उन ऋषि मुनियों ने आपस में विचार विमर्श कर भगवान श्री राम को बताया कि आप यहाँ पर एक शिव लिंग कि स्थापना कर शास्त्रीय विधि से उसकी पुजा कीजिये। इस तरह शिव लिंग की पुजा करने से आप हर तरह के पाप से मुक्त हो जाओगे।

Rameshwaram Mandir, रामेश्वरम मंदिर

ऋषियों मुनियों की बात सुनकर भगवान श्री राम ने हनुमान जी को आदेश दिया कि कैलाश पर्वत जाकर वहाँ से एक शिव लिंग ले कर आओ। भगवान राम का आदेश पाकर हनुमान शीघ्र ही कैलास पर्वत पर पहुँच गये परन्तु उनको वहाँ भगवान शिव के दर्शन नहीं हुये तो हनुमान जी ने भगवान शिव के दर्शन पाने के लिए ध्यान पूर्वक भगवान शिव का तप किया। हनुमान जी की पूजा आराधना से खुश हो कर भगवान शिव ने उन को दर्शन दिये और भगवान शिव से लिंग प्राप्त कर हनुमान जी पुनः गंध मादन पर्वत पर वापस आ गये। इस प्रक्रिया में हनुमान जी को काफी समय लग गया। इधर जेष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की दसमी तिथि को शिव लिंग की स्थापना का अत्यंत शुभ महुरत निर्धारित किया था। महुरत बीत जाने की आशंका और समय पर हनुमान जी के लिंग ले कर न आने के कारण ऋषि-मुनियों ने भगवान राम से महुरत के अनुसार लिंग की स्थापना करने को कहा। पुण्यकाल का विचार कर माता जानकी के साथ मिलकर भगवान श्री राम ने एक रेत का ही लिंग बना कर विधिवत रूप से उसकी स्थापना कर दी।

कुछ समय पश्चात जब हनुमान जी के वहाँ पहुँचे तो उन्होने देखा कि लिंग की स्थापना हो चुकी है तो वह बहुत दुखी हो गए। अपने भक्त को दुखी देख कर भगवान श्री राम ने हनुमान को लिंग स्थापित करने का कारण बताया। लेकिन हनुमान जी उनकी बात से संतुष्ट नहीं हुये। यह देख कर भगवान श्रे राम ने हनुमान जी से कहा कि तुम इस स्थापित लिंग को उखाड़ दो और मैं तुम्हारे द्वारा लाया गया लिंग यहाँ स्थापित कर दूंगा। हनुमान जी ने अपनी पूरी ताकत लगा दी फिर भी उस लिंग को उखाड़ नहीं सके। तब भगवान श्री राम ने हनुमान जी पर कृपा करते हुये रामेश्वरम लिंग के बगल में ही उस लिंग कि स्थापना कर दी। 

 जानिये नागेश्वर मंदिर ( ज्योतिर्लिंग ) के बारे में 

रामेश्वरम मंदिर का इतिहास 

रामेश्वरम मंदिर के बारे में मान्यता है कि यह मंदिर घास-फूस की झोपड़ी में एक साधु की देख रेख में थालेकिन 12 वीं शताब्दी में श्री लंका के राजा प्राक्रम बाहु ने इस मंदिर में श्री रामनाथ स्वामी और शिव लिंग के चारों ओर गर्भ गृह का निर्माण करवाया। इस मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित लिंग के बारे में कहा जाता है कि इस लिंग को स्वयं भगवान श्री राम ने स्थापित किया था। बाद में जब आदि गुरु शंकराचार्य हिन्दू धर्म का प्रचार प्रसार कर रहे थे। तब उन्होंने इस तीर्थ स्थल को हिन्दुओं के चार धामों में से एक रामेश्वरम धाम के रूप में स्थापित किया। जो भी मनुष्य पवित्र गंगा जल से रामेश्वरम धाम में स्थित शिव लिंग का अभिषेक करता हैवह जीवन-मरण का चक्र से मुक्त हो जाता है। 

Rameshwaram Mandir, रामेश्वरम मंदिर

Do You Want Know About Guru Purnima festival Click Here

रामेश्वरम मंदिर की वास्तुकला  

रामेश्वरम मंदिर अपनी शानदार बनावट और सुंदर वास्तुकला के कारण बहुत प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर के गर्भगृह में दो शिव लिंग विराजमान हैं पहला लिंग जिसे स्वयं प्रभु श्री राम ने बनाया था, जिसे रामलिंगम के नाम से जाना जाता है। दूसरा लिंग को हनुमान ने कैलाश से लाकर यहाँ स्थापित किया था, जिसे विश्वलिंगम नाम से जाना जाता है। यह मंदिर चारों तरफ से ऊंची दीवारों से घिरा हुआ है। रामेश्वरम मंदिर की लंबाई 1000 फुटचौड़ाई 600 फुट और मंदिर की ऊंचाई 125 फुट है। मंदिर की मुख्य मीनार जिसे राजगोपुरम नाम से जाना जाता है उसकी ऊंचाई 53 फीट है। मंदिर परिसर के गर्भ गृह में भगवान शिव का 4 फुट ऊंचा शिव लिंग है। और मंदिर के चारों ओर भगवान की शिव की प्रतिमाएँ भी लगाई गयी है। मंदिर परिसर में नंदी जी की भी एक विशाल मूर्ति स्थापित है। इस मंदिर के वार्षिकौत्सव पर भगवान शिव और माँ पार्वती की जल प्रतिमाओं की शोभा यात्रा भी निकली जाती है। 

रामेश्वरम मदिर खुलने का समय  

रामेश्वरम मंदिर का खुलने और बंद होने का समय सुबह 5:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक और शाम को 3:00 बजे से रात 9:00 बजे तक है। रात 9 बजे ये मंदिर बंद हो जाता है।

रामेश्वरम मंदिर में रामनाथ स्वामी की कई प्रकार की पूजाएं की जाती हैं। मंदिर में स्थित महाकालेश्वर मंदिर की कुछ सेवाएं और पूजाएं नीचे दी गयी हैं-

अनुष्ठान                                    समय

पल्लियाराय दीप अराथाना           सुबह 5:00 बजे।

स्पैडिगलिंग दीप अराथना            सुबह 5:10 बजे।

तिरुवनंतल दीप अराथाना            सुबह 5:45 बजे।

विला पूजा                                  सुबह 7:00 बजे।

कलासंथी पूजा                            सुबह 10:00 बजे।

उचिकाला पूजा                           दोपहर 12:00 बजे।

सायरात्चा पूजा                            शाम 6:00 बजे।

अर्थजमा पूजा                             रात 8:30 बजे।

पल्लियाराय पूजा                         रात 8:45 बजे।

रामेश्वरम मंदिर के पास घूमने के स्थान   

रामेश्वरम मंदिर के आस पास घूमने वाली वाली कुछ प्रमुख जगहों के बारे में नीचे बताया गया है। जहाँ आप अपने परिवार के साथ घूम सकते हो।

1- कोथंदरामास्वामी मंदिर

कोथंदरामास्वामी मंदिर धनुषकोडी समुद्र के तटों पर स्थित है। यह रामेश्वरम के सबसे अच्छे पर्यटन स्थलों में से एक है। यह रामायण में वर्णित मंदिर का एक पुराना खंडहर है। जहां श्री रामलक्ष्मणसीता और हनुमान आदि देवताओं की मूर्तियाँ विराजमान हैंइस स्थान को रावण के छोटे भाई विभीषण का निवास स्थान माना जाता है।

2- लक्ष्मण तीर्थम

यह रामेश्वरम में घूमने के लिए लोकप्रिय स्थानों में से एक हैयदि आप रामेश्वरम की शांत भूमि के आनंद में डूबना चाहते हैंतो यह स्थान आपके लिए सबसे अच्छी जगह है। लक्ष्मण के मंदिर के पास एक पवित्र तालाब भी स्थित है। यह तालाब रामनाथस्वामी मंदिर के पास में ही स्थित है। लक्ष्मण मंदिर के दर्शन करने के बाद लोग अक्सर इस तालाब में डुबकी लगाना पसंद करते हैं।

3- अरियामन बीच

यह बीच अरियामन बीच या कुशी बीच के नाम से प्रसिद्ध है। इसकी चौड़ाई और लंबाई लगभग 150 मीटर और 2 किमी है। शांत लहरों और अत्यंत स्वच्छता के कारण यह समुद्र तट दोस्तों या परिवार के साथ पिकनिक के लिए एकदम सही जगह हैयही वजह है कि इस स्थान को रामेश्वरम के पास घूमने के लिए महत्वपूर्ण स्थानों में से एक माना जाता  है।

4- कलाम राष्ट्रीय स्मारक

कलाम राष्ट्रीय स्मारक भारत के राष्ट्रपति और प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के सम्मान में बनाया गया है। यह स्मारक उस महान व्यक्ति की सादगीशांति और गहराई को दर्शाता है। यह रामेश्वरम में घूमने के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्थानों में से एक है और भारत की विविधता को देखने के लिए दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करता है। स्मारक में श्री कलाम का एक प्रभावशाली संग्रह है जिसमें मिसाइलों की प्रतिकृतियांपोखरण परमाणु परीक्षण के बारे में जानकारी शामिल है। यह स्थान मुगल और भारतीय वास्तुकला का एक सुंदर मिश्रण है।

5- एडम्स ब्रिज (राम सेतु)

एडम्स ब्रिज या राम सेतु भारत के रामेश्वरम द्वीप को श्रीलंका के उत्तर-पश्चिमी तट से जोड़ने वाला एक ऐतिहासिक पुल है। यह पुल चूना पत्थर के शोलों का एक नेटवर्क है जो भारत के पंबन द्वीप के सिरे धनुषकोडी से शुरू होता है। यह पुल रामेश्वरम में सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थलों में से एक है। यह पर्यटकों के बीच अपने भौगोलिक और धार्मिक महत्व के कारण रामेश्वरम पर्यटन द्वारा सबसे अधिक बढ़ावा देने वाले स्थानों में से एक है।

Rameshwaram Mandir, रामेश्वरम मंदिर

जाने बाबा वैद्यनाथ धाम के इतिहास के बारे में 

रामेश्वरम मंदिर में कैसे पहुंचे  ?

हवाई मार्ग से रामेश्वरम मंदिर में पहुँचने के लिए मदुरई अतराष्ट्रीय हवाई अड्डे से टैक्सी या बस के माध्यम से पहुँच सकते हैं हवाई अड्डे से मंदिर की दूरी 179 किलोमीटर है।

रेल मेर्ग से रामेश्वरम मंदिर में पहुँचने के लिए रामेश्वरम रेलवे स्टेशन से ऑटो या पैदल ही मंदिर परिसर में पाहुच सकते हैं। रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी 1.3 किलोमीटर है।

सड़क मार्ग से रामेश्वरम मंदिर तमिलनाडु राज्य के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है इसलिए आप सड़क द्वारा आसानी से रामेश्वरम शहर में पहुँच सकते हैं।

know more about the Best Matar Chaat Recipe click here 

रामेश्वरम मंदिर के पास होटल  

रामेश्वरम मंदिर के पास स्थित होटलों के बारे में जानकारी नीचे दे दी गई है। आप अपनी सुविधानुसार किसी भी होटल में रुक सकते है। यह सभी होटल रामेश्वरम मंदिर का आस-पास ही स्थित है।

1-Daiwik Hotels.

2-Hotel Blue Coral.

3-Hotel Rameswaram Grand.

4-Swami Ramanatha Tourist Home.

5-Hotel Royal Park.

6-Hotel Ashoka.

7-Hotel Temple Towers.

8-Hotel SR Residency.

9-Hotel NNP Grand.

10-Hotel Siva Sakthi.

Conclusion          

आशा करता हूँ कि मैंने जो रामेश्वरम मंदिर के बारे में आपको जानकारी दी वह आपको अच्छे से समझ आ गयी होगी। मैंने इस पोस्ट से काशी विश्वनाथ मंदिर से संबन्धित सम्पूर्ण जानकारी देने का प्रयास किया है।

अगर आप किसी मंदिर के बारे में जानना चाहते हो तो हमें कमेंट करके बताएं। जो भी लोग आपके आस पास में या आपके दोस्तो में मंदिरों के बारे में जानना चाहते हैंआप उनको हमारा पोस्ट शेअर कर सकते है। हमारी पोस्ट को अपना कीमती समय देने के लिए धन्यवाद।

 Note

अगर आपके पास रामेश्वरम मंदिर के बारे में और अधिक जानकारी है तो आप हमारे साथ शेअर कर सकते हैंया आपको मेरे द्वारा दी गयी जानकारी आपको गलत लगे तो आप तुरंत हमे कॉमेंट करके बताएं।