सिद्धिविनायक मंदिर के बारे में जानकारी
नमस्कार दोस्तो स्वागत है आपका मेरे इस लेख में जिसमें मैं आज आपको सिद्धिविनायक मंदिर के बारे में बताऊंगा। यह भगवान श्री गणेश को समर्पित एक गणपति मंदिर है। यह मंदिर महाराष्ट्र राज्य के मुंबई शहर में प्रभादेवी नामक स्थान पर स्थित है। भगवान श्री गणेश का यह मंदिर हिंदुओं का प्रसिद्ध मंदिर है। श्री सिद्धिविनायक महाराज को भक्तों के बीच नवसाचा गणपति या नवासला पवनारा गणपति के रूप में जाना जाता है।
सिद्धिविनायक मंदिर मंदिर का
इतिहास
सिद्धिविनायक मंदिर का
निर्माण वर्ष 1801 ईस्वी में लक्ष्मण विथु नाम के व्यक्ति ने किया था। इस मंदिर के
निर्माण के लिए देउबाई पाटिल नाम की एक अमीर, निःसंतान
महिला ने इस विश्वास के साथ धन दिया था, कि भगवान गणेश
उन अन्य महिलाओं की इच्छाओं को पूरा करेंगे, जिनके अभी
तक कोई बच्चा नहीं हुआ है। प्राचीन मंदिर एक छोटी सी संरचना थी। जिसमें श्री
सिद्धिविनायक की काले पत्थर की मूर्ति थी, जो ढाई फीट
चौड़ी थी।
श्री सिद्धिविनायक भगवान की सबसे बड़ी विशेषता सूंड का दाहिनी ओर झुकना है। इस मूर्ति के चार हाथ (चतुर्भुज) हैं, जिसमें ऊपरी दाएं कमल, ऊपरी बाएं में एक छोटी कुल्हाड़ी, निचले दाएं में पवित्र मोती और मोदक से भरा कटोरा (एक स्वादिष्ट व्यंजन जो श्री सिद्धिविनायक के साथ बारहमासी पसंदीदा है)। दोनों तरफ देवता को झुकाते हुए रिद्धि और सिद्धि हैं, देवी पवित्रता, पूर्ति, समृद्धि और धन का प्रतीक हैं। देवता के माथे पर उकेरी गई एक आंख है, जो भगवान शिव के तीसरे नेत्र के समान है।
सिद्धिविनायक मंदिर की वास्तुकला
सिद्धिविनायक मंदिर की
वास्तुकला एक प्राचीन स्थापत्य शैली है। जिसमें मंदिर के बीच में एक हॉल, एक गर्भगृह, कुछ खुला हुआ स्थान है, इसके दाईं ओर मंदिर का प्रशासनिक कार्यालय और सामने एक पानी की टंकी थी। लेकिन
मंदिर की नई वास्तुकला का निर्माण वास्तुकार आर. श्री. एसके अठाले एंड एसोसिएट्स
के शरद अठाले ने राजस्थान और तमिलनाडु के मंदिरों का व्यापक सर्वेक्षण के बाद
किया। इस मंदिर को अद्वितीय बहुकोणीय, छह मंजिला बनाया
गया है। मंदिर के ऊपर सोने से मढ़वाया गुंबद है, जो आसमान तक पहुंचता है। इसके
चारों ओर छोटे-छोटे सोने के मुकुट हैं जो पंचधातु (पांच धातुओं) से बने होते हैं।
मंदिर की पहली मंजिल मुख्य रूप से पूजा और दर्शन के लिए उपयोग की जाती है। दूसरी मंजिल में श्री सिद्धिविनायक जी का महा नैवेद्य (भेंट-प्रसाद) बनाने वाली रसोई है। रसोई में तैयार किए गए प्रसाद को लिफ्ट द्वारा गर्भगृह तक ले जाया जाता है। वीडियो कैमरों के माध्यम से मंजिल को निरंतर सुरक्षा और सतर्कता प्रदान की जाती है। इस मंजिल में पर्यवेक्षक और सहायक पर्यवेक्षक के प्रशासनिक कार्यालय भी हैं। तीसरी मंजिल में मंदिर का मुख्य कार्यालय है। इसमें समिति के सदस्यों के कक्ष, सम्मेलन कक्ष और एक कंप्यूटर कक्ष जो सभी आधुनिक प्रशासनिक और सूचना डेटा प्रोसेसिंग को संभालता है। चौथी मंजिल में मंदिर का पुस्तकालय है जिसमें धर्म, साहित्य, चिकित्सा, इंजीनियरिंग, अर्थशास्त्र आदि पर 8००० पुस्तकों का एक विस्तृत संग्रह है।
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सिद्धिविनायक मंदिर से जुड़ा विवाद
सिद्धिविनायक मंदिर को हर साल लगभग करोड़ों से भी अधिक रुपयों का दान मिलता है। इतना अधिक दान मिलने के कारण यह मुंबई का सबसे अमीर मंदिर है। इस मंदिर का संचालन सिद्धिविनायक गणपति मंदिर ट्रस्ट करता है। जिसका गठन वर्ष 2004 में हुआ था। इस ट्रस्ट पर दान के कुप्रबंधन का आरोप लगाए गए थे। जिसके कारण बॉम्बे हाईकोर्ट ने ट्रस्ट के दान की जांच और आरोपों की जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश वी पी टिपनिस की अध्यक्षता में एक समिति बनायी। समिति के रिपोर्ट में सबसे चौंकाने वाला पहलू यह है कि कुछ विशेष संस्थानों के लिए कोई पद्धति या सिद्धांत का पालन नहीं किया जाता है। इस मंदिर में चयन के लिए एकमात्र मानदंड है, जिसमें ट्रस्टियों या मंत्री या किसी राजनीतिक पार्टी के ऊंचे ओहदे वाले व्यक्ति की सिफारिश चलती है। जो आम तौर पर महाराष्ट्र सरकार से संबंधित होते हैं। वर्ष 2006 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट और याचिकाकर्ता केवल सेमलानी को मंदिर के ट्रस्ट फंड का उपयोग करने के लिए विचारोत्तेजक दिशा निर्देश तैयार करने का आदेश दिया था।
सिद्धिविनायक मंदिर का समय
सिद्धिविनायक मंदिर सप्ताह मे लगभग सभी दिन खुला रहता है। मंदिर मे मंगलवार और विशेष दिनों जैसे विनायकी चतुर्थी, संकष्टी चतुर्थी, माघी श्री गणेश जयंती और भाद्रपद श्री गणेश चतुर्थी को छोड़कर अन्य सभी दिनों में मंदिर सुबह 5:30 बजे खुल जाता है, और रात 9:50 बजे अंतिम आरती के बाद मंदिर बंद हो जाता है। मंगलवार को मंदिर सुबह 3:15 बजे खुलता है,और रात को लगभग 12 बजे मंदिर बंद होता है।
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सिद्धिविनायक मंदिर में कौन-कौन से त्यौहार मनाए जाते हैं ?
सिद्धिविनायक मंदिर में
मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों के बारे में नीचे जानकारी दी गयी है
1- गणेश चतुर्थी
यह भगवान गणेश को समर्पित एक बहुत बड़ा महोत्सव
है। इसे मुंबई में स्थित सिद्धिविनायक मंदिर में बड़े ही भव्य तरीके से आयोजित किया
जाता है। यह उत्सव 10 दिनों तक चलता है, और
उत्सव के अंतिम दिन को अनंत चतुर्दशी नाम से जाना जाता है। उत्सव की तैयारी में
2-3 महीने पहले से ही भगवान की एक विशाल मिट्टी की मूर्ति बनाई जाती है, फिर उस मूर्ति को एक विशाल आसन पर रखा जाता है
और फूल मालाओं से सजाया जाता है। गणेश जी के मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा करने के बाद
मूर्ति को मंदिर में स्थापित किया जाता है। भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए
वैदिक भजन और श्लोकों का जाप किया जाता है। भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए
नारियल, गुड़ और मोदक जैसे प्रसाद
चढ़ाए जाते हैं। राजसी देवता की एक झलक पाने के लिए मंदिर में इन दस दिनों के
दौरान लाखों तीर्थयात्री आते हैं। ग्यारहवें दिन, भक्ति
गीतों पर गायन और नृत्य के बीच एक भव्य जुलूस में मूर्ति को निकाला जाता है। फिर
मूर्ति को समुद्र में विसर्जित कर दिया जाता है।
2- संकष्टी चतुर्थी
संकष्टी चतुर्थी की शुभ तिथियां हिंदू कैलेंडर
के अनुसार हर महीने कृष्ण पक्ष के चौथे दिन या चंद्रमा के घटते चरण पर पड़ती हैं।
दुनिया भर में गणेश भक्तों के लिए यह दिन बेहद पवित्र होता है, सभी भक्त इन दिनों में उपवास रखते हैं। नरसिंह
पुराण और भविष्य पुराण जैसे पुराणों में इस दिन के महत्व का उल्लेख किया गया है।
ऐसा माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने स्वयं पांडवों के बड़े भाई युधिष्ठर को पूजा का
महत्व समझाया था। इस दिन, मंदिर भक्त के जीवन में
बाधाओं को दूर करने और समृद्धि प्रदान करने के लिए भगवान की महत्वपूर्ण पूजा करता
है। पुरुष सूक्त, ब्राह्मणस्पति सूक्त, अथर्व शीर्ष, गणपति
सूक्त और सरस्वती सूक्त का पाठ करके देवता के लिए महापूजा की जाती है।
3- हनुमान जयंती
यह दिन भगवान हनुमान के जन्म का प्रतीक है। यह
त्यौहार महाराष्ट्र में चैत्र महीने में मनाया जाता है। इस दिन, भगवान के लिए विशेष धार्मिक प्रवचन और पूजा
आयोजित की जाती है जो भोर से शुरू होती है और सूर्योदय के बाद समाप्त होती है। ऐसा
माना जाता है कि इस शुभ दिन पर भगवान का जन्म सूर्योदय के समय हुआ था।
4- अक्षय तृतीया
मंदिर में मई के महीने में यह शुभ दिन मनाया
जाता है। इस दिन भगवान को समर्पित विशेष पूजा की जाती है। जिसमें भक्तगण जाप, यज्ञ और पुण्य के कार्य करते हैं। अक्षय तृतीया
को सभी बुरे प्रभावों से मुक्त करने वाले दिनों में से एक माना जाता है।
इन त्योहारों के अलावा, गुड़ी पर्व, राम नवमी, गंगा दशहरा, नाग पंचमी, गोकुलाष्टमी, नवरात्रि और महाशिवरात्रि मंदिर परिसर में मनाए जाने वाले कुछ अन्य त्योहार हैं।
सिद्धिविनायक मंदिर मुंबई का पता
सिद्धिविनायक मंदिर का पता
निम्न प्रकार है-
Shree Siddhivinayak Temple
Mumbai Address - S.K.Bole Marg, Prabhadevi,
Prabhadevi, Mumbai, Maharashtra, 400028, India
सिद्धिविनायक मंदिर का फोन नंबर - 022 2437 3626.
सिद्धिविनायक मंदिर के पास घूमने के लिए कौन से स्थान हैं ?
सिद्धिविनायक मंदिर के पास
घूमने वाली कुछ सुंदर जगहों के बारे में नीचे बताया गया है –
1- महालक्ष्मी मंदिर
मुंबई में स्थित प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर की
दूरी सिद्धिविनायक मंदिर से 6 किमी है। इस मंदिर की प्रमुख देवी महालक्ष्मी देवी
शक्ति या आदि पराशक्ति का एक रूप में पूजी जाती है। मंदिर का निर्माण सन 1785
ईस्वी में किया गया था। यहाँ माता को उनके तीन रूपों - महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती में दर्शाया गया है।
यह मंदिर अपने वार्षिक उत्सव नवरात्रि में होने वाले भव्य समारोह के लिए प्रसिद्ध
है।
2- मुंबा देवी मंदिर
यह मंदिर देवी अम्बा को समर्पित मंदिर हैं। जो महाराष्ट्र में मुंबा
के नाम से प्रसिद्ध है। यह देवी मुंबई में मछुआरों की संरक्षक के रूप में जानी
जाती है। जो इस शहर की मूल निवासी हैं। मुंबई शहर का नाम इसी देवी के नाम पर रखा
गया है। मूल मंदिर का निर्माण 15वीं शताब्दी में किया गया था, लेकिन इस मंदिर को नष्ट कर दिया गया था। बाद
में 18वीं शताब्दी में इस मंदिर का पुनः निर्माण किया गया।
3- श्री राधा रासबिहारी जी मंदिर इस्कॉन
यह मंदिर परिसर जुहू समुद्र तट के पास स्थित
है। मंदिर के प्रमुख देवता श्री गौरा-निताई, श्री
राधा रासबिहारी, सीता - राम, लक्ष्मण और हनुमान जी हैं। मंदिर की वास्तुकला
बहुत सुंदर और शानदार है। इस मंदिर में प्रति दिन हजारों भक्त और पर्यटक दर्शन के
लिए आते है।
4- स्वामीनारायण मंदिर
भगवान श्री स्वामीनारायण को समर्पित यह मंदिर
मुंबई के भुलेश्वर क्षेत्र में स्थित है। यह मंदिर का इतिहास करीब 100 साल पुराना
है। मंदिर स्वामीनारायण संप्रदाय का अनुसरण करता है। मंदिर की त्रि-शिखर संरचना
में देवता हरि कृष्ण, गौलोकविहारी और राधा, लक्ष्मीनारायण देव और घनश्याम महाराज विराजमान
हैं।
5- जोगेश्वरी गुफाएं
मुंबई शहर में जोगेश्वरी के गुफा मंदिर हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म दोनों को समर्पित हैं। इन गुफाओं का इतिहास 550 ईस्वी के आस-पास का हैं। इस गुफा का उपयोग स्थानीय लोगों द्वारा मंदिर के रूप में किया जाता है। जहां भगवान शिव, हनुमान, गणेश और भगवान दत्तात्रेय की प्राचीन मूर्तियों स्थापित हैं। ऐसा माना जाता है कि गुफा में देवी जोगेश्वरी के पैरों के निशान भी हैं, जिन्हें कई लोग कुलदेवी के रूप में पूजते हैं।
सिद्धिविनायक मंदिर में कैसे पहुंचे ?
हवाई मार्ग से सिद्धिविनायक मंदिर मुंबई
में पहुँचने के लिये छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से ऑटो
टैक्सी या टैक्सी के माध्यम से पहुँच सकते हैं। हवाई अड्डे से मंदिर की दूरी लगभग 12 किलोमीटर है।
रेल मार्ग से सिद्धिविनायक मंदिर मुंबई
में पहुँचने के लिये परेल रेलवे स्टेशन से ऑटो टैक्सी या टैक्सी के माध्यम से
मंदिर परिसर तक पहुँच सकते हो। रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी लगभग 10 किलोमीटर है।
रोड मार्ग से सिद्धिविनायक मंदिर मुंबई में पहुँचने के लिये महाराष्ट्र राज्य के किसी भी शहर से परिवहन निगम की बसों,निजी बसों और टैक्सियों के माध्यम से मंदिर परिसर में पहुँच सकते हैं।
सिद्धिविनायक मंदिर मुंबई के पास होटल
सिद्धिविनायक मंदिर के पास स्थित होटलों की सूची नीचे दी गयी है। आप अपनी
सुविधानुसार किसी भी होटल में रुक सकते हैं। ये सभी होटल मंदिर के आस पास ही स्थित
हैं-
1- Ramee Guestline Hotel - Dadar'
2- City Guest House.
3- Hotel Ashwini.
4- Hotel Parklane.
5- Hotel Amigo.
6- Hotel Bawa Regency.
7- The St. Regis Mumbai.
8- Taj Lands End.
9- Four Seasons Hotel Mumbai.
10- Cohostel.
Conclusion
आशा करता
हूँ कि मैंने जो आपको सिद्धिविनायक
मंदिर मुंबई के बारे में आपको जानकारी दी वह आपको अच्छे से समझ आ गयी होगी। मैंने
इस पोस्ट में इस मंदिर से संबन्धित सम्पूर्ण जानकारी देने का प्रयास किया है।
अगर आप
किसी मंदिर के बारे में जानना चाहते हो तो हमें कमेंट करके बताएं। जो भी लोग आपके
आस पास में या आपके दोस्तो में मंदिरों के बारे में जानना चाहते हैं, आप उनको हमारा पोस्ट शेअर
कर सकते है। हमारी पोस्ट को अपना कीमती समय देने के लिए धन्यवाद।
Note
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