अक्षरधाम मंदिर के बारे में जानकारी
नमस्कार दोस्तों स्वागत है आप सभी का मेरे इस लेख में जिसमें मैं आज आपको अक्षरधाम मंदिर के बारे में बताऊँगा। यह एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह मंदिर नई दिल्ली में भारत का आध्यात्मिक-सांस्कृतिक परिसर है। अक्षरधाम मंदिर उत्तर प्रदेश राज्य के नोएडा शहर की सीमा के पास स्थित है। इस मंदिर को अक्षरधाम मंदिर, स्वामीनारायण अक्षरधाम या अक्षरधाम दिल्ली के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर परिसर पारंपरिक और आधुनिक हिंदू संस्कृति, आध्यात्मिकता और वास्तुकला के विभिन्न स्वरूपों को प्रदर्शित करता है। मंदिर परिसर के केंद्र को वास्तु शास्त्र और पंचरात्र शास्त्र के अनुसार बनाया गया है। अक्षरधाम शब्द का अर्थ स्वामीनारायण का निवास स्थान है, उनके अनुयायियों द्वारा अक्षरधाम मंदिर पृथ्वी पर भगवान के अस्थायी घर के रूप में माना जाता है।
अक्षरधाम मंदिर का इतिहास
स्वामीनारायण अक्षरधाम के महाराज श्री योगीजी की दिल्ली में एक अक्षरधाम मंदिर बनाने की इच्छा थी, जिसके परिणाम स्वरूप यह मंदिर अस्तित्व में आया। उन्होंने इस विचार की कल्पना सन 1968 के आसपास की थी जब वे बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था के आध्यात्मिक गुरु के रूप में सेवा कर रहे थे। जिस संस्था को बीएपीएस के नाम से जाना जाता है। यह भगवान स्वामीनारायण प्रमुख स्वामी महाराज के बाद पांचवें आध्यात्मिक गुरु थे। जिन्होंने अक्षरधाम मंदिर का निर्माण शुरू किया था। इस मंदिर के निर्माण के लिए लगभग 60 एकड़ भूमि दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा और 30 एकड़ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान की गई थी। इस मंदिर का निर्माण सन 2000 में शुरू हुआ और पांच साल के भीतर यह मंदिर बनकर तैयार हो गया था। अक्षरधाम मंदिर को 6 नवंबर 2005 को जनता के लिए खोल दिया गया था। अक्षरधाम मंदिर के उद्घाटन समारोह में मंदिर प्रमुख स्वामी महाराज, डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, एल.के. आडवाणी, बी.एल. जोशी, और डॉ मनमोहन सिंह भारत के तत्कालीन प्रधान मंत्री आदि लोग शामिल हुये थे। भारत में सबसे बड़े मंदिरों में से एक इस आध्यात्मिक मंदिर का निर्माण बीएपीएस द्वारा किया गया था।
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अक्षरधाम मंदिर की वास्तुकला
अक्षरधाम मंदिर को BAPS संस्था के स्वामी महाराज और सोमपुरा परिवार के एक सदस्य वीरेंद्र त्रिवेदी
द्वारा डिजाइन किया गया था। यह मंदिर पूरी तरह से राजस्थानी गुलाबी बलुआ पत्थर और
इतालवी कैरारा संगमरमर से निर्मित है। यह मंदिर हिंदू स्थापत्य शैली के अनुसार
बनाया गया है। जो प्राचीन और मध्ययुगीन काल के दौरान भारत के विभिन्न हिस्सों में
प्रचलित था। इस परिसर के केंद्र में मुख्य मंदिर स्थित है। जिसे पंचरात्र शास्त्र
और वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों के आधार पर बनाया गया है। अक्षरधाम मंदिर की
ऊंचाई 141 फीट, चौड़ाई 316 फीट और लंबाई 356 फीट है। इस
मंदिर में 234 से अधिक उत्कृष्ट नक्काशीदार खंभे, 20
चतुर्भुज शिखर, 9 विस्तृत गुंबद और भारत के 20,000 प्रमुख आध्यात्मिक व्यक्तित्वों की मूर्तियों के साथ यह मंदिर भारत की
संस्कृति और आध्यात्मिक समृद्धि का प्रतीक है। इस मंदिर की दीवारों और छतों को
देवी-देवताओं, फूलों, नर्तकियों
और संगीतकारों के नक्काशीदार रूपांकनों और छवियों को सजाया गया है।
अक्षरधाम मंदिर के केंद्रीय गुंबद के नीचे स्वामीनारायण जी की 11 फुट (3.4 मीटर) ऊंची मूर्ति विराजमान है। जहां पर स्वामीनारायण जी को भक्ति की मुद्रा और सेवा की मुद्रा में गुरुओं की छवियों से घिरा हुआ दर्शाए गया है। मंदिर में प्रत्येक मूर्ति हिंदू परंपरा के अनुसार पंच धातु (पांच धातुओं) से बनी हुयी है। इस मंदिर में सीता राम, राधा कृष्ण, शिव पार्वती और लक्ष्मी नारायण भगवान की मूर्तियां भी स्थापित हैं।
अक्षरधाम मंदिर में प्रदर्शनी
अक्षरधाम मंदिर में तीन बहुत शानदार
प्रदर्शनियां होती हैं। ये प्रदर्शनियां बहुत शैक्षिक, सूचनात्मक
और प्रेरणादायक होती है। ये प्रदर्शनियां एक बड़े हॉल में प्रदर्शित होती हैं, जिसमें कला, संस्कृति और नवीनतम तकनीकों का
मिश्रण होता हैं। दिल्ली अक्षरधाम मंदिर की प्रदर्शनियों निम्न प्रकार है:
1- सहजानंद दर्शन (हॉल 1)
यह हॉल व्यक्ति के स्वाभाविक मूल्यों का है।
जहां विभिन्न मूल्यों जैसे दृढ़ता, अहिंसा, नैतिकता आदि को आंकड़ों और मल्टीमीडिया संचार के माध्यम से प्रदर्शित किया
जाता है। हिंदू संस्कृति के कालातीत मूल्यों को व्यक्त करने के लिए नवीनतम तकनीकों
जैसे 3 डी डायोरमा और इमर्सिव प्रोजेक्शन का भी उपयोग किया जाता है।
समय अवधि - 1 घंटा।
भाषाएँ – यह शो हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं
में अलग-अलग शो होते हैं।
2- नीलकंठ दर्शन (हॉल 2)
यह एक विशाल स्क्रीन वाला थिएटर है जहां नीलकंठ
यात्रा नामक 40 मिनट की फिल्म के माध्यम से देश की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक सुंदरता
को दिखाया गया है। यह फिल्म भगवान स्वामीनारायण द्वारा अपनी किशोरावस्था में की गई
तीर्थयात्रा की कहानी के बारे में बताती है।
समय अवधि - 45 मिनट।
भाषा - यह शो हिंदी भाषा में होता है।
3- संस्कृति दर्शन (हॉल 3)
इस प्रदर्शनी में आगंतुक नाव पर चढ़ते हैं, और
भारत की शानदार विरासत में 10,000 वर्षों के दौरान हुयी
घटनाओं के दर्शन करते हैं। नौका सवारी के दौरान आप उन प्रदर्शनियों को देखते हैं
जो भारत के कुछ महान योगदानों का वर्णन करती हैं। उदाहरण के लिए, वैदिक बाज़ार, तक्षशिला विश्वविद्यालय आदि इनमे
से एक है।
समय अवधि - 15 मिनट।
भाषा - यह शो हिंदी भाषा में होता है।
भारतीय मंदिरों के इतिहास के बारे में जानने के लिए यहाँ क्लिक करें।
अक्षरधाम मंदिर, दिल्ली में म्यूजिकल फाउंटेन या वाटर शो
दिल्ली में स्थित अक्षरधाम मंदिर के
मुख्य आकर्षणों में से एक है, वहाँ पर होने वाला अनूठा
मल्टीमीडिया वाटर शो है। इस शो में केना उपनिषद के एक एपिसोड को वीडियो प्रोजेक्शन, रंगीन लेजर, पानी के जेट, पानी के नीचे की लपटों और साउंड के माध्यम से बताया जाता है।
समय अवधि - 24 मिनट।
भाषा - यह शो हिंदी भाषा में होता है।
शो का समय – यह शो शाम 7:45 बजे शुरू होता है।
पहला शो सूर्यास्त के बाद आयोजित किया जाता है।
कई शो अक्सर सार्वजनिक छुट्टियों और सप्ताहांत के दौरान आयोजित किए जाते हैं
टिकट की कीमत- वयस्कों के लिए 80 रुपया, बच्चों (4 से 11 साल) के लिए 50 रुपए और 4 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए यह शो मुफ्त होता है।
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अक्षरधाम मंदिर में अतिरिक्त सुविधाये
1- योगी हृदय कमल
यह अक्षरधाम मंदिर में ऊपर से देखे जाने पर कमल
के आकार का एक बागीचा है। जिसमें शेक्सपियर, मार्टिन
लूथर और किंग जूनियर से लेकर स्वामी विवेकानंद और स्वामीनारायण के अलावा दुनिया के
विभिन्न दिग्गजों के विचारों को एक बड़े से पत्थर में लिखा गया है।
2- नीलकंठ अभिषेक
नीलकंठ अभिषेक में
भक्त अक्षरधाम मंदिर में नीलकंठ भगवान की मूर्ति पर पानी डालने का एक अनुष्ठान, आध्यात्मिक उत्थान और अपनी इच्छाओं की पूर्ति
के लिए श्रद्धा और प्रार्थना व्यक्त करते हैं।
3- नारायण सरोवर
नारायण सरोवर एक शुद्ध पानी की झील है। जिसे सन 1970 में दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा एक लंबी घुमावदार झील के रूप में विकसित किया गया। शुरुवात में यह झील 89 एकड़ क्षेत्र में फैली हुई थी। जो मुख्य मंदिर को चारों ओर से घेरे हुए है। इस झील में 151 पवित्र नदियों और झीलों का जल मिला हुआ है। नारायण सरोवर के चारों ओर 108 गौमुख हैं। यह जन्ममंगल नामावली या भगवान के 108 नामों का प्रतीक हैं। जिनसे यह पवित्र जल निकलता है।
अक्षरधाम मंदिर के आसपास के आकर्षण
1-संजय पार्क
यह पार्क लक्ष्मी नगर, नई दिल्ली के पास स्थित है। इस पार्क का
निर्माण सन 1970 में इसे दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा किया गया था। इसे एक लंबी
झील के रूप में विकसित किया गया था। शुरुवात में यह झील 89 एकड़ क्षेत्र में फैली
हुई थी। बाद मे इसे एक पार्क के रूप मे विकसित किया गया। अब यह झील पार्क के साथ
178 एकड़ क्षेत्र में फैली हुई है। संजय पार्क की दूरी अक्षरधाम मंदिर से 4
किलोमीटर है।
2- फूड पार्क
यह
पार्क दिल्ली के बाहरी रिंग रोड पर स्थित है। इस पार्क का निर्माण सन 2004 में दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा किया गया
था। इस पार्क में एक बच्चों का पार्क, एक एम्फीथिएटर और फूड कोर्ट भी स्थित है। यह पार्क अक्षरधाम
मंदिर से 4 किलोमीटर की दूरी पर है।
3- लाल किला
लाल
किला भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है। यह एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक किला है। मुगल
सम्राटों ने इस किले का इस्तेमाल अपने
मुख्य निवास के रूप में किया था। मुगल सम्राट शाहजहाँ ने 12 मई 1638 को लाल किले का निर्माण शुरू किया था। बाद में शाहजहाँ ने
अपनी राजधानी को बदलकर आगरा से दिल्ली करने का फैसला किया। लाल किले की दूरी
अक्षरधाम मंदिर से 7.2 किलोमीटर है।
4- इंडिया गेट
नई दिल्ली मे राजपथ के पूर्वी किनारे पर स्थित एक युद्ध स्मारक है। यह अविभाजित ब्रिटिश सेना (जिसे ब्रिटिश भारत सेना के रूप में भी जाना जाता है) के सैनिकों की याद में बनाया गया था। इंडिया गेट की दूरी अक्षरधाम मंदिर से 7.9 किलोमीटर है।
अक्षरधाम मंदिर दिल्ली के बारे में कुछ अनजाने तथ्य
1- अक्षरधाम
नाम दो शब्दों से मिलकर बना है, अक्षर का अर्थ शाश्वत और धाम का अर्थ
निवास होता है। अक्षरधाम का अर्थ शाश्वत का निवास स्थान है।
2- अक्षरधाम
मंदिर परिसर में दस स्वागत द्वार हैं।
3- मंदिर
लंबे समय तक बने रहे और उसे किसी प्रकार का कोई नुकसान न हो इसलिए के निर्माण में
किसी भी प्रकार का कंक्रीट या स्टील का उपयोग नहीं किया गया है।
4- अक्षरधाम
मंदिर के अंदर गर्भ गृह मे विराजमान यज्ञ कुंड दुनिया का सबसे बड़ा यज्ञ कुंड माना
गया है।
5- अक्षरधाम
मंदिर को बनाने के लिए 11,000 से भी ज्यादा कारीगरों ने कार्य किया था।
6- अक्षरधाम मंदिर के अंदर प्रेमवती आहारगृह, फूड कोर्ट, महाराष्ट्र में स्थित अजंता और एलोरा की गुफाओं के आधार पर बनाया गया है।
अक्षरधाम मंदिर दिल्ली खुलने का समय
अक्षरधाम मंदिर खुलने का समय सुबह 9.30 बजे से शाम 6.30 बजे तक है। मंदिर मे आरती का समय सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक है। जबकि विभिन्न शो और प्रदर्शनियों के लिए अक्षरधाम परिसर के खुलने का समय सुबह 9.30 बजे और बंद होने का समय रात 8 बजे है।
अक्षरधाम मंदिर कैसे पहुँचें ?
हवाई मार्ग
से अक्षरधाम
मंदिर दिल्ली में पहुँचने के लिये दिल्ली हवाई अड्डे से टैक्सी या ऑटो टैक्सी से
पहुँच सकते हैं। हवाई अड्डे से मंदिर लगभग 6 किलोमीटर दूर स्थित है।
रेल मार्ग
से अक्षरधाम
मंदिर दिल्ली में पहुँचने के लिये पुरानी
दिल्ली रेलवे स्टेशन (DLI) या
दिल्ली मे स्थित किसी भी रेलवे स्टेशन से ऑटो टैक्सी या टैक्सी के माध्यम से मंदिर
परिसर तक पहुँच सकते हैं। रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी लगभग 10 किलोमीटर है।
रोड मार्ग
से अक्षरधाम
मंदिर दिल्ली में पहुँचने के लिये दिल्ली शहर
के किसी भी कोने से दिल्ली परिवहन निगम की बसों,निजी बसों और
टैक्सियों के माध्यम से मंदिर परिसर में पहुँच सकते हैं।
मेट्रो से अक्षरधाम मंदिर का सफर करने के लिए ब्लू लाइन वाली मेट्रो से मंदिर आसानी से मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। यह मेट्रो राजीव चोक से होते हुये नोएडा की ओर जाती है और आप अक्षरधाम मेट्रो स्टेशन पर उतर कर आसानी से मंदिर तक पहुँच सकते हैं।
अक्षरधाम मंदिर दिल्ली के पास होटल
अक्षरधाम
मंदिर के आस पास स्थित होटलों के बारे मे जानकारी
नीचे दी गयी है। आप अपनी सुविधानुसार किसी भी होटल में रुक सकते हैं। ये सभी होटल
मंदिर के पास ही स्थित हैं-
1-The Oberoi New Delhi.
2-B Nineteen.
3-Amidst Monuments and
Serenity.
4-Fraser Suites New Delhi.
5-Joey's Hostel.
6-OYO 44400 Retreat Inn.
7-Solitaire Hotel.
8-Anand Villa near
Shakarpur, Delhi.
9-Delton.
10-Mona regency hotel and banquet.
Conclusion
आशा करता
हूँ कि मैंने जो आपको अक्षरधाम
मंदिर दिल्ली के बारे में आपको जानकारी दी वह आपको अच्छे से समझ आ गयी होगी। मैंने
इस पोस्ट में इस मंदिर से संबन्धित सम्पूर्ण जानकारी देने का प्रयास किया है।
अगर आप
किसी मंदिर के बारे में जानना चाहते हो तो हमें कमेंट करके बताएं। जो भी लोग आपके
आस पास में या आपके दोस्तो में मंदिरों के बारे में जानना चाहते हैं, आप उनको हमारा पोस्ट शेअर
कर सकते है। हमारी पोस्ट को अपना कीमती समय देने के लिए धन्यवाद।
Note
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