बिड़ला मंदिर के बारे में जानकारी 

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आप सभी का मेरे एक और लेख में जिसमें मैं आज आपको बिड़ला मंदिर कोलकाता के बारे में बताऊँगा। यह मंदिर कोलकाता शहर के बालीगंज रोड पर स्थित है। यह भगवान श्री कृष्ण को समर्पित एक प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर है। यह बिड़ला मंदिर अपनी बेहतरीन कलाकृतियों और सुंदरता के लिए पूरे कोलकाता शहर मे प्रसिद्ध है। यह मंदिर कोलकाता शहर की संस्कृति का पर्याय है। इसकी शानदार स्थापत्य कला यहाँ आने वाले लोगों को बहुत आकर्षित करती है।

बिड़ला मंदिर कोलकाता,

बिड़ला मंदिर कोलकाता का इतिहास 

बिड़ला मंदिर कोलकाता का निर्माण कार्य सन 1970 ईस्वी में हुआ था। इस मंदिर को बनाने में बहुत लंबा समय लगा। इस मंदिर को बनकर पूरी तरह से तैयार होने में लगभग 26 वर्ष लगे। इस मंदिर का निर्माण भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति परिवार बिड़ला परिवार द्वारा किया गया है। मंदिर निर्माण कार्य सम्पूर्ण होने के पश्चात फरवरी 1996 में स्वामी चिदानंदजी महाराज द्वारा मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की गई, और उसी दिन इस मंदिर के गर्भ गृह का उद्घाटन भी किया गया। इस मंदिर का उद्घाटन डॉ. कर्ण सिंह द्वारा किया गया था। मंदिर का उद्घाटन होने के बाद उसी दिन से यह मंदिर आम लोगों के लिए खोल दिया गया।

बैलूर मठ का इतिहास जानने के लिए यहाँ पर क्लिक करें। 

बिड़ला मंदिर कोलकाता की वास्तुकला 

कोलकाता के बिड़ला मंदिर का निर्माण पूरी तरह सफेद संगमरमर और क्रीम रंग के बलुआ पत्थर से किया गया है। यह मंदिर 20 वीं शताब्दी की शानदार संरचना है। इस मंदिर की बनावट राजस्थानी वास्तुकला के अनुसार की गई है। इस मंदिर के बनावट की जो शैली है, वह आधुनिक और समकालीन दोनों शैलियों का मिश्रण है। बिड़ला मंदिर की बनावट भुवनेश्वर में स्थित लिंगराज मंदिर की तरह ही दिखती है। मंदिर के बायीं ओर एक गुंबद में शक्ति के रूप में माता दुर्गा विराजमान है, और मंदिर के दाहिने ओर एक गुंबद में तीनों लोकों के नाथ भगवान भोलेनाथ ध्यान की मुद्रा में विराजमान हैं।

मंदिर की दीवारों पर भगवद गीता के श्लोकों के साथ आकर्षक चित्र भी बनाए गए हैं। मंदिर की छतों को बिजली के दीये वाले झूमरों से शुसोभित किया गया है। जो दिखने में बहुत आकर्षित लगते हैं। यह मंदिर 160 फीट लंबा और लगभग 2,940 वर्ग मीटर चौड़े क्षेत्र में फ़ाइल हुआ है। इस मंदिर को नोमी बोस द्वारा डिजाइन किया गया था। यह मंदिर तीन मकई-कोब आकार के टावर की तरह बनाया गया है। मंदिर के बाहर एक विशाल आँगन है, जहां पर आप शांति से एकांत में बैठ सकते हो। मंदिर परिसर में एक विशाल और अत्याधुनिक सभागार भी है जिसका नाम जीडी बिड़ला साभघर है। इस सभाघर में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम और भजन कीर्तन होते रहते हैं। 

बिड़ला मंदिर कोलकाता का खुलने का समय 

बिड़ला मंदिर प्रतिदिन सुबह 5.30 बजे खुल जाता है, और दोपहर में 11 बजे बंद हो जाता है। यह मंदिर दोपहर में 5 से 5:30 घंटे तक बंद रहता है। शाम को पुनः 4:30 बजे यह मंदिर  खुलता है, और रात को 9 बजे बंद हो जाता है। पहले से तय किए गए कार्यक्रम के अनुसार मंदिर में पूरे दिन भर पूजा की जा सकती है। अगर आप इस मंदिर में दर्शन के लिए आ रहे हो तो आपको शाम की आरती जरूर देखनी चाहिए, यह आरती बहुत शानदार होती है। आम तौर मंदिर में दर्शन के लिए 30 से 45 मिनट का समय काफी है। इस मंदिर में रविवार और छुट्टियों के समय में काफी भीड़ रहती है।

बिड़ला मंदिर कोलकाता की सुविधाएं 

बिड़ला मंदिर मुख्य सड़क के किनारे पर स्थित है, इसलिए यहाँ पहुंचना ज्यादा कठिन नहीं है। मंदिर के अंदर किसी भी प्रकार के जूते या चप्पल ले जाना अलाव नहीं है, इन्हे आप लॉकर रूम में जमा कार सकते हो उसकी फीस 10 रुपये है। मंदिर के अंदर पानी की बोतलें, बैग, कैमरा, मोबाइल या छाता ये चीजें ले जाने की अनुमति नहीं है। आप मंदिर परिसर के अंदर फोटोग्राफी नहीं कर सकते हो। आपको मंदिर के अंदर जाने से पहले आपको मोबाइल लॉकर में जमा करना पड़ता है। आप मंदिर की फोटो बाहर से क्लिक कर सकते हो लेकिन मंदिर परिसर के अंदर से नहीं।

बिड़ला मंदिर कोलकाता,

दक्षिणेश्वर काली मंदिर का इतिहास जानने के लिए यहाँ पर क्लिक करें। 

बिड़ला मंदिर कोलकाता में मनाए जाने वाले त्योहार 

आम तौर पर इस मंदिर में हिन्दुओं के सभी त्योहार मनाए जाते हैं, लेकिन इस मंदिर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का महोत्सव बड़े धूम धाम से मनाया जाता है। यह मंदिर भगवान राधा कृष्ण को समर्पित मंदिर है। इसलिए यहाँ पर जन्माष्टमी का महोत्सव बड़े ही शानदार तरीके से मनाया जाता है। जितने भी राधा कृष्ण भक्त हैं वह सब लोग इस मंदिर में आते हैं, और जन्माष्टमी की रात को यहाँ पर भजन कीर्तन करते हैं। इस समारोह के समाप्त होने पर प्रसाद वितरण किया जाता है।

बिड़ला मंदिर कोलकाता के पास घूमने के स्थान 

अगर आप बिड़ला मंदिर कोलकाता में जाते हो और वहाँ पर आस पास घूमने के स्थान खोज रहे हो तो कुछ प्रमुख स्थानों के बारे में नीचे बताया गया है। आप यहाँ घूम सकते हो।

1- विक्टोरिया मेमोरियल कोलकाता

कोलकाता में सबसे प्रमुख जगहों में से एक है यह मेमोरियल। इस मेमोरियल का नाम रानी विक्टोरिया के नाम पर रखा गया है। जो लोग इतिहास से प्रेम करते हैं उनके के लिए देखने की एकदम सही जगह है। यदि कभी आप हमारे अतीत की सैर करना चाहते हों और चिंतन करना चाहते हो तो यह जगह आपके लिए सबसे अच्छी है। यहाँ शाम को लाइट एंड साउंड शो होता हैं। यह मेमोरियल बेलुर मठ से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

 2- हावड़ा ब्रिज कोलकाता

अगर आप कोलकाता  गए हो तो हावड़ा ब्रिज में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है। यह पश्चिम बंगाल शहर का एक बहुत पुराना प्रतीक भी है। हावड़ा ब्रिज एक बहुत सुंदर जगह है। यदि आप समुद्र के साथ कुछ समय अकेले बिताना चाहते हैं, तो यह जगह सबसे बेहतरीन है। यहाँ पर बैठ कर आप देखें कि मछुआरे सुबह और शाम को अपने काम के लिए कैसे जाते हैं। बेलुर मठ से इस ब्रिज की दूरी लगभग 6 किलोमीटर है।

 3- बेलूर मठ

बेलूर मठ रामकृष्ण मिशन का मुख्यालय है। जिसकी स्थापना रामकृष्ण परमहंस के प्रमुख शिष्य स्वामी विवेकानंद ने की थी। यह पश्चिम बंगाल राज्य में हुगली नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है, और कोलकाता के सबसे महत्वपूर्ण संस्थानों में से एक है। यह मठ रामकृष्ण आंदोलन का केंद्र भी है। यह अपनी वास्तुकला के लिए उल्लेखनीय है जो हिंदू, इस्लामी, बौद्ध और ईसाई कला और रूपांकनों को सभी धर्मों की एकता के प्रतीक के रूप में जोड़ता है। यह मठ मंदिर से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

4- भारतीय संग्रहालय कोलकाता

इस संग्रहालय की नींव सन 1814 में रखी गई थी। यह संग्रहालय दुनिया के सबसे पुराने संग्रहालयों में से एक है। पूरा संग्रहालय ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण वस्तुओं जैसे आश्चर्यजनक मुगल चित्रों, कंकालों, जीवाश्मों, मिस्र की ममी जैसे कई और वस्तुओं से भरी हुआ है। इस संग्रहालय मठ से लगभग 10 किलोमीटर दूर है।

 5- अलीपुर चिड़ियाघर कोलकाता

अगर आप बंगाल में बच्चों के साथ बंगाल की यात्रा कर रहे हैं तो एक बार इस चिड़ियाघर की यात्रा जरूर करें। यह हमारे देश देश के सबसे पुराना चिड़ियाघरों मे से एक है। इसमें विभिन्न प्रकार के जानवर, पक्षि और सरीसृपों की अनेकों प्रजातियां यहाँ पायी जाती हैं। आप यहां जानवरों के साथ कई प्रवासी पक्षियों को देख सकते हैं। यह चिड़ियाघर बेलुर मठ से लगभग 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

बिड़ला मंदिर कोलकाता,

बिड़ला मंदिर कोलकाता में कैसे पहुंचे  ?

हवाई मार्ग से बिड़ला मंदिर कोलकाता में पहुँचने के लिये नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से ऑटो टैक्सी या टैक्सी के माध्यम से पहुँच सकते हैं। हवाई अड्डे से मंदिर की दूरी लगभग 20 किलोमीटर है।

रेल मार्ग से बिड़ला मंदिर कोलकाता में पहुँचने के लिये हावड़ा जंक्शन से ऑटो टैक्सी के माध्यम से मंदिर परिसर तक पहुँच सकते हो। रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी लगभग 2 किलोमीटर है।

रोड मार्ग से बिड़ला मंदिर कोलकाता में पहुँचने के लिये पश्चिम बंगाल राज्य के किसी भी शहर से परिवहन निगम की बसों,निजी बसों और टैक्सियों के माध्यम से मंदिर परिसर में पहुँच सकते हैं।

बिड़ला मंदिर कोलकाता के पास के होटल 

बिड़ला मंदिर कोलकाता के आस पास के कुछ प्रमुख होटलों के बारे में नीचे बताया गया है। आप आपनी सुविधानुसार किसी भी होटल में रुक सकते हो।

1- The Claridale Ballygunge.

2- Roland Hotel - near minto park.

3- Yellowbrick - 5/4 Calcutta's freshest BnB.

4- Park Prime Kolkata.

5- Central Bed & Breakfast.

6- AVENUE Hotel Ballygunge

7- Hotel Radiant.

8- Emerald Suites

9- Hotel Crest Inn.

10- Bhammar's Inn.

Conclusion

आशा करता हूँ कि मैंने जो आपको बिड़ला मंदिर कोलकाता के बारे में आपको जानकारी दी वह आपको अच्छे से समझ आ गयी होगी। मैंने इस पोस्ट में इस मंदिर से संबन्धित सम्पूर्ण जानकारी देने का प्रयास किया है।

अगर आप किसी मंदिर के बारे में जानना चाहते हो तो हमें कमेंट करके बताएं। जो भी लोग आपके आस पास में या आपके दोस्तो में मंदिरों के बारे में जानना चाहते हैंआप उनको हमारा पोस्ट शेअर कर सकते है। हमारी पोस्ट को अपना कीमती समय देने के लिए धन्यवाद।

 Note

अगर आपके पास बिड़ला मंदिर कोलकाता के बारे में और अधिक जानकारी है तो आप हमारे साथ शेअर कर सकते हैंया आपको मेरे द्वारा दी गयी जानकारी आपको गलत लगे तो आप तुरंत हमे कॉमेंट करके बताएं।