शीतला माता मंदिर गुडगाँव के बारे में जानकारी
नमस्कार दोस्तों स्वागत है आप सभी का मेरे एक और नये लेख में जिसमें मैं आज आपको गुडगाँव के शीतला माता मंदिर के बारे में बताऊँगा। दोस्तों यह मंदिर हरियाणा राज्य के गुड़गांव (जिसे अब गुरुग्राम के नाम से जाना जाता है) में स्थित एक प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर है। महाभारत के अनुसार माता शीतला देवी गुरु द्रोणाचार्य की पत्नी थीं, और गुरु द्रोणाचार्य पांडवों और कौरवों के शिक्षक थे। इन्होंने ही पांडवों और कौरवों शिक्षा-दीक्षा दी थी। प्राचीन समय में गुडगाँव भी कुरुक्षेत्र का हिस्सा था, इसीलिए यहाँ पर शीतला माता का मंदिर विराजमान है। यह मंदिर हरियाणा और दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में बहुत प्रसिद्ध मंदिर है।
शीतला माता मंदिर गुडगाँव का इतिहास
शीतला माता मंदिर गुड़गांव के इतिहास के बारे में कई धार्मिक कथाएं प्रचलित
है। उन्ही में से एक कथा के अनुसार देवी दुर्गा ने एक नन्ही सी कात्यायनी के रूप
में अवतार लिया है। माता कात्यायनी उस ऋषि की पुत्री थी जो इस धरती से राक्षसों और
दुष्ट शक्तियों को समाप्त कर रहे थे। उन्होंने अपने वास्तविक स्वरूप माता दुर्गा
के रूप में कालकेय द्वारा भेजे गए राक्षसों का वध किया, लेकिन ज्वरासुर नामक ज्वर
का दानव सभी लोगों में असाध्य रोग जैसे हैजा, पेचिश, खसरा, चेचक आदि रोग फैलाने लगा। तब इन रोगों से छुटकारा दिलाने के
लिए कात्यायनी माता ने शीतला देवी का रूप धारण किया। उनके चारों हाथों में एक छोटी
झाड़ू,
पंखा, ठंडा पानी का जार और एक प्याला था। शीतला देवी ने अपनी
शक्ति से सभी रोगग्रस्त बच्चों को ठीक किया और अपने दोस्त बटुक को ज्वारासुर का वध
करने के लिए भेजा। बटुक और ज्वारासुर के युद्ध में बटुक की मृत्यु हो गई।
मृत्यु के बाद जमीन में गिरा बटुक का शरीर धीरे धीरे जादुई रूप से गायब होने लगा जिसे देखकर ज्वारासुर चौक गया। कुछ समय बाद बटुक ने एक भयानक आकृति के पुरुष का रूप धारण कर लिया। जिसकी तीन आंखें, चार भुजाएं और खोपड़ियों की एक माला पहनी थी। उसके हाथ में कुल्हाड़ी, तलवार और त्रिशूल थे। वह दिखने में भयानक और काले रंग का था। उसकी आखें गुस्से से धधक रही थी, उसके बाल हवा में उड़ रहे थे और उसने बाघ की खाल भी पहनी थी। बटुक की जगह पर भगवान शिव भैरव का क्रूर रूप धारण करके प्रकट हो गए थे। उन्होंने ज्वारासुर को बताया कि वह माता शीतला देवी के सेवक के रूप में उससे युद्ध करने आया है। तब भैरव और ज्वारासुर के बीच युद्ध होता है, और ज्वारासुर इस युद्ध में मारा जाता है। तब शीतला माता यहाँ पर आकर सभी लोगों को रोग मुक्त करती है। उसी दिन से यहाँ पर शीतला माता देवी के रूप में पूजी जाती है।
शीतला माता मंदिर गुडगाँव की वास्तुकला
गुडगाँव में स्थित शीतला माता मंदिर एक विशाल परिसर में फैला हुआ है। यह मंदिर बहुत भव्य और सुन्दर है। मंदिर के शीर्ष पर पिरामिड शिखर विराजमान हैं। मंदिर के गर्भ गृह में आभूषण और लाल रेशमी पोशाक से सजी हुई शीतला माता की सुंदर सोने की मूर्ति विराजमान है। मंदिर के गर्भ गृह में माता की मूर्ति के आस पास के स्थान में सोने का पानी चढ़ाया है। जो दिखने में बहुत शानदार लगता है। मंदिर के चारों तरफ हरे भरे लॉन और बगीचों हैं। जो इसकी सुंदरता में चार चाँद लगा देते है।
शीतला माता मंदिर गुडगाँव का महत्व
शीतला माता मंदिर के महत्व के बारे में नीचे बताया गया है।
1- शीतला एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है ठंडा करने वाला होता है, इस देवी को
शांति का प्रतीक माना जाता है, और उपमहाद्वीप में इन्हे विभिन्न नामों से जाना जाता
है।
2- शीतला माता की पूजा हिंदू, बौद्ध और आदिवासी समुदायों के लोग करते हैं और शीतला माता को
उनके भक्त माँ का ही दूसरा स्वरूप मानते हैं।
3- शीतला माता का उल्लेख तांत्रिक और पौराणिक साहित्य में स्पष्ट रूप से किया
गया है। यह देवी स्थानीय निवासियों के बीच बहुत लोकप्रिय है।
4- शीतला माता प्रमुख रूप से उत्तर भारत में बहुत प्रसिद्ध हैं। यहाँ पर कई जगहों
पर शीतला माता को भगवान शिव की पत्नी देवी पार्वती के रूप में भी जाना जाता है।
5- शीतला माता को मौसमी देवी, ठकुरानी, जागरानी, करुणामयी, मंगला, भगवती और दयामयी आदि नामों से जाना जाता है। दक्षिण भारत में शीतला माता को मरिअम्मन के नाम से जाना जाता है।
शीतला माता मंदिर गुडगाँव का खुलने का समय
शीतला माता मंदिर गुडगाँव पूरे सप्ताह खुला रहता है। आप यहाँ किसी भी महीने या किसी भी मौसम जा सकते हो क्यूंकि माता के दर्शन करने के लिए कोई निश्चित समय नहीं होता है। यह मंदिर प्रतिदिन सुबह 6:00 बजे से रात 8:00 बजे तक खुला रहता है। इस बीच में आप किसी भी समय जाकर दर्शन कर सकते हो।
शीतला माता मंदिर गुडगाँव में मनाये जाने वाले त्योहार
शीतला माता मंदिर गुडगाँव में हिन्दुओं के सभी त्योहार मनाये जाते हैं। लेकिन विशेष रूप से शीतला अष्टमी त्योहार बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है। यह त्योहार चैत्र महीने के कृष्ण पक्ष के आठवें दिन मनाया जाता है। शीतला अष्टमी का त्योहार भारत के विभिन्न राज्यों जैसे राजस्थान, गुजरात और उत्तर प्रदेश आदि जगहों में बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है। इस त्योहार के दौरान विशाल मेले और कई संगीत कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। शीतला अष्टमी के दिन परंपराओं के अनुसार खाना पकाने के उद्देश्य से आग नहीं जलाते हैं। इसलिए एक दिन पहले ही भोजन तैयार करके रख लेते हैं और दूसरे दिन बासी भोजन ही खाते हैं। इस त्योहार के दिन माता शीतला को बासी भोजन चढ़ाने की अनूठी परंपरा है। भक्त सूर्योदय से पहले ही उठकर स्नान करते हैं, फिर शीतला देवी मंदिर जाते हैं फिर हल्दी और बाजरे से देवी की पूजा करते हैं। पूजा अनुष्ठान करने के बाद बसोड़ा व्रत कथा सुनते हैं। इसके बाद देवी शीतला को राबड़ी, दही और अन्य आवश्यक प्रसाद चढ़ते हैं और शीतला माता से आशीर्वाद लेकर घर को आते हैं।
शीतला माता मंदिर गुडगाँव के आस पास घूमने के वाले स्थान।
शीतला माता मंदिर गुडगाँव के आस पास घूमने वाले प्रमुख जगहों के बारे में नीचे
बताया गया है।
1- किंगडम ऑफ ड्रीम्स
किंगडम ऑफ ड्रीम्स भारत का पहला लाइव एंटरटेनमेंट,
थिएटर और लीजर डेस्टिनेशन है। यह एनसीआर दिल्ली में लीजर
वैली पार्क के पास स्थित है। यह लगभग 6 एकड़ क्षेत्र में फैला है। इसे किंगडम ऑफ
ड्रीम्स ग्रेट इंडियन नौटंकी कंपनी द्वारा चलाया जाता है। इसमें दो थिएटर,
नौटंकी महल, शोशा थिएटर
और एक सांस्कृतिक और व्यंजन क्षेत्र शामिल है।
2- अप्पू घर
अप्पू घर हरियाणा के गुड़गांव में समुद्र तट थीम वाला वाटर पार्क है। इसमें 2000
लोगों के लिए पानी की सवारी और भोजन की सुविधाएं शामिल हैं। इस पार्क को ईओडी
मनोरंजन प्राइवेट द्वारा चलाया जाता है। इस पार्क का नाम दिल्ली में स्थित कंपनी
के अप्पू घर मनोरंजन पार्क के नाम पर रखा गया है।
3- क़ुतुब मीनार
क़ुतुब मीनार दक्षिण दिल्ली के महरौली क्षेत्र में स्थित है। जिसका निर्माण 1190 ईस्वी के
आस पास किया गया था। यह शहर के सबसे अधिक देखे जाने वाले पर्यटन स्थलों में से एक
है,
क्योंकि यह भारतीय उपमहाद्वीप में सबसे पहले जीवित ऐतिहासिक
स्थलों में से एक है। इसकी तुलना अफगानिस्तान में जाम की 62 मीटर की पूरी-ईंट
मीनार से की जाती है।
4-सुभाष चंद्र बोस पार्क
सुभाष चंद्र बोस गुड़गांव के सेक्टर 14 में स्थित एक मनोरंजक पार्क और शहर की अव्यवस्था से विराम लेने के लिए हरा-भरा स्थान है। पार्क जॉगिंग, आउटडोर गेम्स, योग और अन्य ध्यान गतिविधियों के लिए बहुत आदर्श स्थान है।
शीतला माता मंदिर गुडगाँव में कैसे पहुँचे ?
हवाई मार्ग से शीतला माता मंदिर गुडगाँव में पहुँचने के लिए आपको इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा जाना
पड़ेगा, वहाँ से शीतला माता मंदिर की दूरी लगभग 17 किलोमीटर है।
वहाँ से आप टैक्सी या बस के माध्यम से मंदिर में पहुँच सकते हैं।
शीतला माता मंदिर गुडगाँव के पास स्थित होटल
शीतला माता मंदिर गुडगाँव के पास स्थित होटलों के बारे में जानकारी नीचे दी
गयी है। यह सभी होटल मंदिर के पास ही स्थित है। आप अपनी सुविधानुसार नीचे दिये गए
किसी भी होटल में रुक सकते हैं-
1-
Hotel Grace.
2-
Hotel Meghna Residency.
3-
Quality Inn Gurgaon.
4-
Hotel Le Gauri Palace.
5-
U S FORTUNE HOTEL.
6-
Kohsa7.
7-
SUNRISE GUEST HOUSE.
8-
The League Hotel.
9-
GAZELLE INN.
10- Hotel Doves Inn.
Conclusion
आशा करता हूँ कि मैंने जो आपको शीतला माता मंदिर गुडगाँव के बारे में आपको
जानकारी दी वह आपको अच्छे से समझ आ गयी होगी। मैंने इस पोस्ट में इस मंदिर से
संबन्धित सम्पूर्ण जानकारी देने का प्रयास किया है।
अगर आप किसी मंदिर के बारे में जानना चाहते हो तो हमें कमेंट करके बताएं। जो
भी लोग आपके आस पास में या आपके दोस्तो में मंदिरों के बारे में जानना चाहते हैं, आप उनको हमारा पोस्ट शेअर कर सकते है।
हमारी पोस्ट को अपना कीमती समय देने के लिए धन्यवाद।
Note
अगर आपके पास शीतला माता मंदिर गुडगाँव के बारे में और अधिक जानकारी है तो आप
हमारे साथ शेअर कर सकते हैं, या आपको मेरे द्वारा दी गयी जानकारी आपको गलत लगे तो आप तुरंत हमे कॉमेंट
करके बताएं।
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