तुंगनाथ मंदिर के बारे में जानकारी,

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आप सभी का मेरे एक और नये लेख में जिसमें मैं आपको तुंगनाथ मंदिर के बारे में जानकारी दूँगा। तुंगनाथ मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित भगवान शिव का प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर दुनियाँ के सबसे ऊंचे शिव मंदिरों में से एक है। तुंगनाथ मंदिर पंच केदारों में से भी एक है। जिस पर्वत पर भगवान शिव जी का मंदिर विराजमान है उसे टुँगनाथ पर्वत के नाम से जाना जाता है। इस पर्वत के नीचे मंदाकिनी और अलकनंदा नदी घाटियों का निर्माण करती हैं। तुंगनाथ मंदिर एक पर्यटक क्षेत्र होने के साथ-साथ एक ट्रेकिंग क्षेत्र भी है। इस मंदिर में पहुँचने के लिए ऊंचे पहाड़ में चढ़ना पड़ता है और छोटे-छोटे रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है।

तुंगनाथ मंदिर

तुंगनाथ मंदिर का इतिहास  

तुंगनाथ मंदिर के बारे में जाता है कि यह मंदिर लगभग 1000 साल पुराना है। सर्वप्रथम इस मंदिर की खोज आदि गुरु शंकराचार्य ने की थी। प्राचीन कथाओं के अनुसार महाभारत युद्ध को जीतने के लिए पांडवों ने कौरवों और अपने गुरुओं का वध कर दिया था। जिस कारण उन्हे भात्र हत्या का पाप लग गया था। इस पाप से मुक्ति के लिए ऋषि व्यास ने उन्हें भगवान शिव के पास को कहा। भगवान शिव उनसे नाराज थे और उन्हे दर्शन नहीं देना चाहते थे। जिस कारण उन्होंने बैल का रूप धारण कर लिया था। बाद में जब पांडवों ने उन्हे पहचान कर पकड़ लिया। भगवान शिव के उस बैल रूप अंग अलग-अलग स्थानों पर गिरे जिन्हे पंच केदार के नाम से जाना जाता है। तुंगनाथ में भगवान शिव की भुजायें गिरी थी। इस स्थान पर बाद में पांडवों में मंदिर का निर्माण किया। जिसे तुंगनाथ मंदिर के बारे में जाना जाता है।

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तुंगनाथ मंदिर की वास्तुकला  

तुंगनाथ मंदिर का निर्माण उत्तर भारतीय शैली के अनुसार किया गया है। मंदिर के गर्भ गृह में एक फीट ऊंचा शिवलिंग है जो बायीं ओर थोड़ा झुका हुआ है और साथ में महर्षि व्यास और काल भैरव की मूर्तियाँ विराजमान हैं। तुंगनाथ मंदिर का गर्भ गृह ज्यादा बड़ा नहीं है इसमें लगभग दस आदमी बैठ सकते हैं। मुख्य मंदिर के ऊपर एक मीनार बनी है। जिसके ऊपर एक लकड़ी का मंच बना है। इस मंदिर की छत का निर्माण पत्थर की पाटियों से किया गया है। मंदिर परिसर के आस पास कई अन्य छोटे मंदिर विराजमान हैं। मंदिर के मुख्य द्वार के सामने नंदी बैल की मूर्ति विराजमान है। इस मंदिर परिसर के अंदर पांडवों और आदि गुरु शंकराचार्य की मूर्ति भी विराजमान हैं। तुंगनाथ मंदिर एक ट्रेकिंग क्षेत्र के लिए भी प्रसिद्ध है।

तुंगनाथ मंदिर

तुंगनाथ मंदिर का महत्व  

तुंगनाथ मंदिर में एक स्थानीय पुजारी होता है। जो मंदिर में पूजा-पाठ और मंदिर की देखभाल करता है। तुंगनाथ मंदिर में पूजा पाठ करने वाला पुजारी दक्षिण भारत का मैथानी ब्राह्मण होता है। लोगों का मानना है कि मंदिर में यह परंपरा आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा बनाई गई है। यह मंदिर सर्दियों के मौसम में बंद रहता है। इस दौरान मंदिर के देवता की प्रतीकात्मक मूर्ति को मुक्कुमठ ले जाते हैं और वहीं पर उस मूर्ति की पूजा पाठ करते हैं। तुंगनाथ मंदिर चंद्रशिला चोटी के पास ही स्थित है। अधिकतर तीर्थयात्री यहाँ दरहसन करने के लिए गर्मियों के मौसम में आते हैं। सर्दियों के मौसम में यहाँ जाना बहुत कठिन होता है।

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तुंगनाथ मंदिर का खुलने का समय  

तुंगनाथ मंदिर उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्र में होने के कारण गर्मियों के मौसम में ही खुला रहता है। यह मंदिर पूरे सप्ताह खुले रहता है। तुंगनाथ मंदिर सुबह 6 बजे खुल जाता है। मंदिर में साफ सफाई करने के बाद सुबह 7 बजे मंदिर में मंगल आरती होती है। यह मंदिर भक्तों के लिए पूरे दिनभर खुले रहता है। आप किसी भी समय इस मंदिर में भगवान के दर्शन कर सकते हो। शाम को 6:30 पूजा पाठ करने के बाद शाम 7 बजे इस मंदिर को बंद कर देते है।

तुंगनाथ मंदिर में मनाये जाने वाले त्योहार  

तुंगनाथ मंदिर में हिन्दुओं के सभी त्योहार मनाये जाते हैं। लेकिन कुछ प्रमुख त्योहारों के बारे में नीचे जानकारी दी गई है।

1- महाशिवरात्रि

महाशिवरात्रि का त्योहार भगवान शिव के सम्मान में मनाया जाता है। इस दिन सभी भक्त शिव मंदिरों में जाकर शिव लिंग की पूजा पाठ करके उसमें बेलपतरी चढ़ाते हैं। शिव भक्त महाशिवरात्रि के दिन तुंगनाथ मंदिर में आकर भगवान शिव की प्रार्थना, उपवास और योग करने के साथ-साथ ध्यान भी करते हैं।

2- दशहरा

दशहरे का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। दशहरे दिन भगवान राम लंकापति रावण पर विजय प्राप्त करके वापस अयोध्या आते है। भगवान राम के आने की खुशी में सभी नगरवासी सम्पूर्ण अयोध्या में दीप जलते हैं। उस दिन से यह त्योहार दीपावली के रूप में मनाया जाता है। दीपावली का त्योहार तुंगनाथ मंदिर में भी बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है।

तुंगनाथ मंदिर

तुंगनाथ मंदिर के आस पास घूमने वाले स्थान  

तुंगनाथ मंदिर के आस पास घूमने वाली कुछ प्रमुख जगहों के बारे में नीचे बताया गया है। जहाँ आप अपने परिवार के साथ घूम सकते हो।

1- चंद्रशिला

तुंगनाथ मंदिर से भी 1.5 किलोमीटर ऊपर एक ट्रेक है। जिसे चंद्रशिला के नाम से जाना जाता है। यह स्थान प्रकृति की सुंदरता और शानदार दृश्यों के लिए बहुत प्रसिद्ध है। यहाँ पहुचने का रास्ता बहुत कठिन है।

2- चोपता

चोपता प्राकर्तिक सुंदरता से भरपूर एक छोटा सा गाँव है। यह स्थान समुद्र तल से 2900 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। चोपता तुंगनाथ मंदिर के साथ-साथ अन्य पंच केदार मंदिरों के प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है।

3- देवरिया ताल

यदि आप ट्रेकिंग और कैंपिंग के शौकीन हैं तो देवरिया ताल आपके लिए बहुत शानदार जगह है। आप देवरिया ताल में रात भर कैंपिंग और यहाँ के जंगलों में ट्रेकिंग कर सकते हो। यह झील ऊखीमठ-चोपता रोड पर स्थित है। देवरिया ताल मुख्य सड़क से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

4- कांचुला कोरक कस्तूरी मृग अभयारण्य

कांचुला कोरक कस्तूरी मृग अभयारण्य लगभग 5 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यह अभयारण्य वनस्पतियों और वन्य जीव प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग है। यहाँ पर मुख्य रूप से कस्तूरी मृग और कुछ हिमालयी वन्यजीव पाए जाते हैं।

5- ऊखीमठ

ऊखीमठ रुद्रप्रयाग जिले में स्थित एक पवित्र तीर्थ गाँव है। ऊखीमठ को उत्तराखंड का प्रसिद्ध आध्यात्मिक स्थान माना जाता है। यहाँ पर सभी भक्तों को अपनी यात्रा के दौरान भगवान से आशीर्वाद लेना चाहिए। यह स्थान शरीर में सकारात्मक ऊर्जा लाता है।

तुंगनाथ मंदिर

तुंगनाथ मंदिर में कैसे पहुँचें ?

हवाई मार्ग से तुंगनाथ मंदिर में पहुँचने के लिए सबसे नजदीकी हवाई अड्डे जॉली ग्रांट एयरपोर्ट से टैक्सी के माध्यम से मंदिर परिसर तक पहुँच सकते हैं। हवाई अड्डे से मंदिर की दूरी 221 किलोमीटर है।

रेल मार्ग से तुंगनाथ मंदिर में पहुँचने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश रेलवे स्टेशन से टैक्सी के माध्यम से मंदिर परिसर तक पहुँच सकते हैं। रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी 204 किलोमीटर है।

रोड मार्ग से तुंगनाथ मंदिर तक पहुँचने के लिए आप निजी गाड़ियों या टेक्सी से इस मंदिर परिसर तक पहुँच सकते हो।

तुंगनाथ मंदिर के पास स्थित होटल  

तुंगनाथ मंदिर के पास स्थित होटलों के बारे में जानकारी नीचे दी गयी है। यह सभी होटल मंदिर के आस पास ही स्थित है। आप अपनी सुविधानुसार नीचे दिये गए किसी भी होटल में रुक सकते हैं-

1- Himalayan Rose Hotel.

2- Chopta Himrab Resorts.

3- CHOPTA The Mini Switzerland AMAR RESORT.

4- Amar Shanti Homestay.

5- Rustic star.

6- Chopta Wildlife Camps Resorts.

7- REVERY the tiny house.

8- Meraki Chopta Mayadeep.

9- Chandrashila eco camp.

10- Himalayan Homestay.

Conclusion

आशा करता हूँ कि मैंने जो आपको तुंगनाथ मंदिर के बारे में आपको जानकारी दी वह आपको अच्छे से समझ आ गयी होगी। मैंने इस पोस्ट में इस मंदिर से संबन्धित सम्पूर्ण जानकारी देने का प्रयास किया है।

अगर आप किसी मंदिर के बारे में जानना चाहते हो तो हमें कमेंट करके बताएं। जो भी लोग आपके आस पास में या आपके दोस्तो में मंदिरों के बारे में जानना चाहते हैं, आप उनको हमारा पोस्ट शेअर कर सकते है। हमारी पोस्ट को अपना कीमती समय देने के लिए धन्यवाद।

Note

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