विराट रामायण मंदिर के बारे में जानकारी
नमस्कार दोस्तों स्वागत है, आप सभी का मेरे एक और नए लेख में जिसमें मैं आज आपको विराट रामायण मंदिर के बारे में जानकारी दूँगा । भगवान श्री राम का विशाल रामायण मंदिर बिहार राज्य में वैशाली से 60 किलोमीटर और बिहार की राजधानी पटना से 120 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जहां पर यह मंदिर स्थित है, वह स्थान उत्तर बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में केसरिया नामक स्थान के पास जानकी नगर में स्थित है। यह मंदिर परिसर चंपारण जिले के केसरिया - चकिया मार्ग पर बहुआरा - कठवालिया गांवों में लगभग 125 एकड़ क्षेत्र में फैला होगा । जिसकी लंबाई 2800 फुट, चौड़ाई 1400 फुट और ऊंचाई 405 फुट के आस पास होगी ।
विराट रामायण मंदिर की वस्तुकला
विराट
रामायण मंदिर की बनावट दक्षिण-पूर्व एशियाई मंदिरों की तरह ही है । एशियाई मंदिरों
की तरह ही रामायण मंदिर में भी फर्श की जगह परतें हैं । इसकी पहली परत में 1
किलोमीटर से भी ज्यादा चलना पड़ता है । इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के माध्यम से इन परतों
के चारों कोनों में रामायण के चमत्कारों को दिखाया जाएगा । इस परिसर के अंतिम परत
में राम,
सीता, लव, कुश और वाल्मीकि
जी के मंदिर होंगे, जिसमें प्रभु श्री राम जी का सबसे ऊपर 66 फीट की ऊंचाई पर स्थित
होगा । इस परिसर में ऊंचे शिखर वाले लगभग 18 मंदिर होंगे । यहाँ पर भगवान शिव का
मंदिर भी बनेगा जिसमें दुनिया का सबसे बड़ा शिव – लिंग स्थापित किया जाएगा । इतने
बड़े शिव लिंग पर दूध और जल चढ़ाने के लिए शिव भक्तों के लिए विशेष प्रकार की
व्यवस्थाएं की जा रही हैं ।
मंदिर परिसर में एक विशाल हॉल का भी निर्माण किया जा रहा है । जहाँ पर एक समय में लगभग 20 हजार लोग एक साथ बैठ सकते हैं । इस मंदिर की निर्माण शैली कंबोडिया के अंगकोर वाट मंदिर और भारत के रामेश्वरम और मिनाक्षी मंदिरों से प्रेरित है । इस विराट रामायण मंदिर में भगवान श्री राम और सीता जी को ध्यान में रखकर विभिन्न हिंदू देवताओं के लिए 18 घरों का भी निर्माण किया जाएगा ।
विराट रामायण मंदिर का निर्माण समय
विराट रामायण मंदिर का निर्माण कार्य अगस्त 2012 में शुरू होना था । निर्माण के समय इस मंदिर का नाम विराट अंगकोर वाट राम मंदिर रखा जा रहा था । लेकिन कंबोडिया सरकार की चिंता के बाद भारत सरकार ने उनकी भावनाओं को ध्यान में रखते हुए । मंदिर का निर्माण कार्य कर रही महावीर मंदिर ट्रस्ट से मंदिर का नाम बदलकर कुछ और रखने को कहा । जिसके बाद इस मंदिर का नाम विराट रामायण मंदिर रखा गया । इस मंदिर का निर्माण कार्य की शुरुवात 13 नवंबर 2013 को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी द्वारा की गयी ।
विराट रामायण मंदिर की शुरुवात का समय
विराट रामायण मंदिर के द्वार भक्तों के लिए खोलने के विषय में महावीर मंदिर ट्रस्ट के सचिव व पूर्व IPS अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल जी ने बताया कि, मंदिर 2023 के अंत में या 2024 के शुरुवात में सभी भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा ।
विराट रामायण मंदिर के आस – पास घुमने के स्थान
विराट
रामायण मंदिर के आस – पास घुमने वाले कुछ प्रमुख स्थानों के बारे में नीचे बताया
गया है –
1- केसरिया स्तूप
केसरिया
स्तूप भारत के बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया शहर में स्थित है । जिसे
दुनिया का सबसे ऊंचा (104 फीट) और सबसे बड़ा बौद्ध स्तूप माना जाता है। यह संरचना
1958 में एक खुदाई के दौरान खोजी गई थी। केसरिया स्तूप चकिया से 22 किमी,
मोतिहारी से 40 किमी, वैशाली से 55 किमी,
पटना से 110 किमी की दूरी पर स्थित है।
2- नालंदा विश्वविद्यालय
नालंदा
विश्वविद्यालय बिहार राज्य में नालंदा जिले के पास राजगीर शहर में स्थित है।
प्राचीन समय में मगध शासन काल के दौरान नालंदा विश्वविद्यालय आठ शताब्दियों से भी अधिक
समय तक ज्ञान का केंद्र रहा है । नालंदा विश्वविद्यालय ने आस पास और विभिन्न देशों
के विद्वानों और छात्रों को अपनी ओर आकर्षित किया था । यहाँ पर ज्ञान की तलाश में
तिब्बत,
चीन, कोरिया और मध्य एशिया से भी लोग आए थे ।
नालंदा पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले देशों द्वारा संचालित एक
स्नातकोत्तर, अनुसंधान गहन, अंतर्राष्ट्रीय
विश्वविद्यालय है । नालंदा अपने ऐतिहासिक पूर्ववर्ती की शैक्षणिक उत्कृष्टता और
वैश्विक दृष्टि से प्रेरित है।
3- महाबोधि मंदिर
बिहार राज्य के गया जिले में बोधगया मंदिर स्थित है । यह
पूरे विश्व में बौद्ध धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है, और सम्राट अशोक की
सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है । यहाँ पर बोधि वृक्ष के नीचे भगवान बुद्ध ने
ज्ञान प्राप्त किया था । जिसके बाद यह स्थान हिंदुओं और बौद्धों के लिए एक प्रमुख
तीर्थस्थल बन गया है। मंदिर परिसर में दो बड़े सीधे किनारे वाले शिखर शामिल हैं ।
कई पुराने मूर्तिकला तत्वों को मंदिर के बगल में बने संग्रहालय में रखा गया है, और कुछ संरचनाओं को चारों ओर नक्काशीदार पत्थर की रेलिंग से बनी दीवार को
प्रतिकृतियों से बदल दिया गया है। इसे 2002 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के
रूप में मान्यता दी गई है । यह बिहार राज्य की राजधानी पटना से 127 किमी की दूरी
पर स्थित है।
4- नालंदा महाविहार का पुरातात्विक स्थल
नालंदा महाविहार का पुरातात्विक स्थल भारत के बिहार राज्य में नालंदा जिले में स्थित है । नालंदा मगध के प्राचीन साम्राज्य में एक प्राचीन महाविहार, एक बड़ा और सम्मानित बौद्ध मठ था। 23 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैले, इसमें स्तूप, चैत्य, विहार, मंदिर, कई संरचनाएं और प्लास्टर, पत्थर और धातु में महत्वपूर्ण कलाकृतियां शामिल हैं । यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त, नालंदा न केवल भारत में सबसे प्रतिष्ठित बौद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है, बल्कि विद्वानों, इतिहासकारों और पुरातत्वविदों का भी आकर्षण का केंद्र है। नालंदा महाविहार बिहार राज्य की राजधानी पटना से 83 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
विराट रामायण मंदिर में कैसे पहुंचे ?
हवाई मार्ग से विराट रामायण मंदिर में पहुँचने के लिये मुजफ्फरपुर एयरपोर्ट से टैक्सी या बस के माध्यम पहुँच सकते हैं। हवाई अड्डे से मंदिर लगभग 78.8 किलोमीटर दूर स्थित है।
रेल मार्ग से विराट रामायण मंदिर में पहुँचने के लिये दिघवा दुबौली रेलवे स्टेशन से ऑटो टैक्सी या टैक्सी के माध्यम से मंदिर परिसर तक पहुँच सकते हैं। दिघवा दुबौली रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी लगभग 31 किलोमीटर है।
रोड मार्ग से विराट रामायण मंदिर में पहुँचने के लिये बिहार राज्य के किसी भी शहर से परिवहन निगम की बसों,निजी बसों और टैक्सियों के माध्यम से मंदिर परिसर तक पहुँच सकते हैं।
विराट रामायण मंदिर के पास स्थित होटल
विराट
रामायण मंदिर बिहार के आस
पास स्थित होटलों के बारे मे जानकारी नीचे दी गयी है। आप अपनी सुविधानुसार किसी भी
होटल में रुक सकते हैं। ये सभी होटल मंदिर के पास ही स्थित हैं-
1- B.B.S Utsav Palace.
2- Gagan
The Zen Hotel.
3- Hotel
Buddha Plaza.
4- Hotel
Divya Ujala.
5- Hotel
Ashoka Green.
6- Hotel Rajmahal International.
Conclusion
आशा करता हूँ कि मैंने जो आपको विराट रामायण मंदिर के बारे में आपको जानकारी दी वह आपको अच्छे से समझ आ गयी
होगी। मैंने इस पोस्ट में इस मंदिर से संबन्धित सम्पूर्ण जानकारी देने का प्रयास
किया है।
अगर आप किसी मंदिर के बारे में जानना चाहते हो तो हमें कमेंट
करके बताएं। जो भी लोग आपके आस पास में या आपके दोस्तो में मंदिरों के बारे में
जानना चाहते हैं, आप उनको हमारा पोस्ट शेअर कर सकते है। हमारी
पोस्ट को अपना कीमती समय देने के लिए धन्यवाद।
Note
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