श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर यदाद्री के बारे में जानकारी 

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आप सभी का मेरे एक और नए लेख में जिसमें मैं आज आपको श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर यदाद्री के बारे में बताऊँगा । यह मंदिर  तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर नलगोंडा जिले की एक सुंदर पहाड़ी पर स्थित है । इस पहाड़ी का मौसम हमेशा एक शानदार, सुखद और भक्तिमय अनुभव प्रदान करता है । इस मंदिर में पूजा के लिए आने वाले भक्तों की संख्या बहुत अधिक है । यहाँ प्रतिदिन 4000 - 5000 व्यक्ति अपनी मन्नतें पूरी करने, शाश्वत पूजा, शाश्वत कल्याणम, लाक्षा तुलसी पूजा, अभिषेकम आदि करने के लिए आते हैं । यहाँ शनिवार और रविवार के दौरान भक्तों काफी भीड़ लगे रहती है । यादगिरिगुट्टा नरसिम्हा स्वामी का एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है । जो भगवान विष्णु का एक अवतार है । 

श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर यदाद्री

श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर यदाद्री की कथा 

श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर के बारे में स्कन्द पुराण में बताया गया है, कि महर्षि ऋष्यश्रृंग के पुत्र यदा महर्षि ने यहां नरसिंह के रूप में भगवान विष्णु की तपस्या की थी । यदा महर्षि की तपस्या से प्रसन्न होकर श्रीमन नारायण भगवान ने श्री अंजनेय(हनुमान जी)को ऋषि को एक पवित्र स्थान पर भेजने के लिए निर्देशित किया था । जहाँ पर श्रीमन नारायण भगवान ने यदा महर्षि को भगवान श्री लक्ष्मी नरसिम्हा के रूप में दर्शन दिये । यह स्थान यादगिरि पहाड़ी की तलहटी में स्थित एक मंदिर में विराजमान है । जो वर्तमान मंदिर से लगभग 5 किमी दूरी स्थित है । इस मंदिर में यदा महर्षि ने कई वर्षों तक भगवान की पूजा की थी ।

बाद में यादऋषि के मोक्ष प्राप्त करने के बाद आदिवासीयों को यहाँ पर श्री लक्ष्मी नरसिम्हा की उपस्थिति के बारे में पता चला तो आदिवासी लोग इस मंदिर में पूजा आराधना करने लगे । इन आदिवासीयों को श्री लक्ष्मी नरसिम्हा की पूजा के बारे में विधि विधान मालूम नहीं होने के कारण ये लोग भगवान की अनुचित पूजा करने लगे । अपनी अनुचित पूजा से रुष्ट होकर भगवान श्री लक्ष्मी नरसिम्हा यहाँ निकलकर पहाड़ियों में चले गए । आदिवासी कई वर्षों तक अपने भगवान को खोजते रहे लेकिन उन्हे कोई फायदा नहीं हुआ । 

कई वर्ष बीत जाने के बाद भगवान श्री लक्ष्मी नरसिम्हा इन्ही आदिवासीयों के बीच में रहने वाली अपनी महिला भक्त के सपने में प्रकट हुए । भगवान ने उस महिला को एक बड़ी गुफा में जाने का निर्देश दिया । जिस गुफा में उन्होंने खुद को पांच राजसी अवतारों के रूप में प्रकट किया था । भगवान के पाँच अवतार इस प्रकार हैं - ज्वाला नरसिम्हा, गंधभेरंद नरसिम्हा, योगानंद नरसिम्हा, उग्र नरसिम्हा और लक्ष्मी नरसिम्हा के रूप में हैं ।

माँ त्रिकुटा मंदिर के बारे में जानने के लिए यहाँ पर क्लिक करें ।

श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर यदाद्री की वास्तुकला 

श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर की सम्पूर्ण बनावट आगम शास्त्र के अनुसार है । श्री नारायण के इस सम्पूर्ण मंदिर को पत्थरों से बनाया गया है । शुरुवात में यह मंदिर परिसर लगभग 2 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ था, लेकिन वर्तमान समय में प्राचीन मंदिर की सभी संचारनाओं को ध्वस्त करके अब इस मंदिर को लगभग 14 एकड़ क्षेत्र में फैला दिया गया है । इस सम्पूर्ण मंदिर का निर्माण शिल्पा और आगम सिद्धांतों के आधार पर हुआ है । 

मंदिर के निर्माण में मुख्य रूप से तीन प्रकार के पत्थरों का प्रयोग किया गया है । सर्वप्रथम मंदिर के गर्भगृह में विराजमान देवी देवताओं को बनाने के लिए कृष्ण सिला का उपयोग किया गया है । अन्य देवी देवताओं को बनाने के लिए नपुंसका सिला का उपयोग किया गया है । मंदिर परिसर के फर्श और दीवारों को बनाने के लिये नपुंसका सिला का उपयोग किया गया है । 

श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर यदाद्री में देवी - देवताओं की विराजमान स्थिति 

श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर 12 फीट ऊंची और 30 फीट लंबी गुफा में स्थित है । मंदिर में स्थित ज्वाला नरसिम्हा सर्प के आकार में विराजमान हैं, जबकि योगानंद नरसिम्हा योग मुद्रा में ध्यान लगाकर बैठे हुए दिखाई देते हैं । मंदिर में स्थित लक्ष्मी-नरसिम्हा  भगवान को चांदी की मूर्ति से बनाया गया है । जो देखने में काफी आकर्षक हैं । मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार के दाहिने ओर हनुमान जी का मंदिर विराजमान है । हनुमान जी के मंदिर के ठीक नीचे एक लंबा क्षैतिज अंतराल है । जिसके बारे में कहा जाता है कि गंधभेरंद नरसिम्हा भगवान यहीं पर प्रकट हुए थे । मान्यता है की जो भी भक्त सच्चे मन से इस मंदिर में जो भी माँगता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं । 

श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर यदाद्री का खुलने का समय 

श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर प्रतिदिन सुबह 4 बजे खुल जाता है । जो शाम को 3 से 4 बजे के बीच बंद रहता है । सुबह 4 बजे से शाम को 3 बजे तक भक्त किसी भी समय या सकते हैं । मंदिर शाम को 1 घंटे बंद रहता है, फिर शाम को 4 बजे से रात्री 9:30 बजे तक मंदिर खुला रहता है । रात्री को 9:30 बजे मंदिर सम्पूर्ण रूप से बंद हो जाता है, फिर अगले दिन सुबह 4 बजे खुलता है ।  

श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर यदाद्री

श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर यदाद्री में मनाए जाने वाले त्योहार 

श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर के मुख्य त्योहारों के बारे में नीचे जानकारी दी गयी है । यहाँ प्रमुख रूप से प्रत्येक वर्ष फरवरी और मार्च के महीने में ब्रह्मोत्सव मनाया जाता है । जिसमें विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम किये जाते हैं, जैसे - हरिकथा, बाजन, गायन और उपन्यसम आदि । 

सोमनाथ मंदिर के बारे में जानने के लिए यहाँ पर क्लिक करें । 

1- श्री स्वामी वारी जयंती महोत्सव व नरसिंह जयंती  

श्री स्वामी वारी जयंती महोत्सव वैशाख सुधा द्वादशी से चतुर्दशी तक मनाया जाता है । नरसिंह जयंती के समय भी विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है । ब्रह्मोत्सवम और जयंती के दौरान यहाँ पर रामायण, महाभारत, भागवत गीता, क्षेत्र महाथ्यम आदि जैसे विभिन्न पुराणों का आयोजन किया जाता है । 

2- स्वाति नक्षत्रम 

स्वाति नक्षत्रम के बारे में आगम शास्त्र प्रक्रिया के अनुसार श्री स्वामी वारी अस्तोथारा व सता घटाभिसेकम हर महीने स्वाति नक्षत्रम (यानी स्वामी वरु का जन्म नक्षत्र) पर सुबह 4-30 बजे से 7-00 बजे तक पूजा अर्चना करते हैं। भक्तगण इस सतघाटाभिषेकम में 750 रुपये दे कर भाग ले सकते हैं । जिसमें दो व्यक्तियों की अनुमति होती है ।

3- पवित्रोत्सवम 

यह त्योहार श्रावण माह की शुध्द दशमी से द्वादशी तक श्री स्वामी वारी पवित्रोत्सवम मनाया जाता है । 

4- धनुर्मासम

धनुर्मासम के दिनों में प्रत्येक दिन सुबह-सुबह मंदिर में मार्गली का आयोजन किया जाता है, और थिरुप्पवई कीर्तनम अर्चकों द्वारा प्रस्तुत किया जाता है । 

श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर के अन्य महत्वपूर्ण त्योहार । 

मानवला महाममावरी थिरुणक्षत्रम । 

थिरुमंजरी अलवर थिरुणक्षत्रम । 

थिरुप्पावरी अलवर थिरुणक्षत्रम । 

अंडाल थिरुणक्षत्रम । 

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी । 

मरगली मासम । 

श्री राम नवमी । 

महा शिव रात्रि । 

देवी नवरात्रुलु । 

हनुमथ जयंती । 


श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर यदाद्री में कैसे पहुंचे ?

हवाई मार्ग से श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर यदाद्री में पहुँचने के लिये राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से टैक्सी या बस के माध्यम से पहुँच सकते हैं। हवाई अड्डे से मंदिर की दूरी लगभग 91 किलोमीटर है।

रेल मार्ग से श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर यदाद्री में पहुँचने के लिये रायगीर रेलवे स्टेशन से औटो टैक्सी के माध्यम से मंदिर परिसर तक पहुँच सकते हैं। रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी लगभग 8 किलोमीटर है।

रोड मार्ग से श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर यदाद्री में पहुँचने के लिये तेलंगाना राज्य के किसी भी शहर से परिवहन निगम की बसों,निजी बसों और टैक्सियों के माध्यम से मंदिर परिसर में पहुँच सकते हैं।

श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर यदाद्री के पास स्थित होटल 

श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर यदाद्री के पास स्थित होटलों की सूची नीचे दी गयी है। आप अपनी सुविधानुसार किसी भी होटल में रुक सकते हैं। ये सभी होटल मंदिर के पास ही स्थित हैं-

1- Hotel Sannidhi Emerald.

2- Haritha Hotel, Yadagirigutta.

3- Sowbhagya Resorts.

4- Sowbhagya Resorts.

5- Hotel Vivera.

6- Sri Laxmi Narasimha Sadan.

7- Hotel Mayuri Grand.

8- Reddy Bhavan Yadadri.

9- AMOGHA GRANDEUR.

10- Srivari City Residency.

Conclusion

आशा करता हूँ कि मैंने जो आपको श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर यदाद्री के बारे में आपको जानकारी दी वह आपको अच्छे से समझ आ गयी होगी। मैंने इस पोस्ट में इस मंदिर से संबन्धित सम्पूर्ण जानकारी देने का प्रयास किया है।

अगर आप किसी मंदिर के बारे में जानना चाहते हो तो हमें कमेंट करके बताएं। जो भी लोग आपके आस पास में या आपके दोस्तो में मंदिरों के बारे में जानना चाहते हैं, आप उनको हमारा पोस्ट शेअर कर सकते है। हमारी पोस्ट को अपना कीमती समय देने के लिए धन्यवाद।

Note 

अगर आपके पास श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर यदाद्री के बारे में और अधिक जानकारी है तो आप हमारे साथ शेअर कर सकते हैं, या आपको मेरे द्वारा दी गयी जानकारी आपको गलत लगे तो आप तुरंत हमे कॉमेंट करके बताएं।